ड्राइवर ने की थी पूरी कोशिश लेकिन तकनीकी सीमा के कारण नहीं रूकी ट्रेन
चंडीगढ़: रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अश्वनी लोहानी ने बताया है कि आखिर क्यों पूरी कोशिश करने के बाद भी यह हादसा रोका नहीं जा सका। लोहानी ने बताया है कि ट्रैक पर लोगों को देख ट्रेन के ड्राइवर ने अनहोनी टालने की कोशिश की थी। उन्होंने एक निजी चैनल को बताया है कि ड्राइवर ने ट्रेन की स्पीड 90 किमी/प्रतिघंटा से घटाकर 65 किमी/ घंटा कर दी थी। हालांकि, इतनी तेज स्पीड से आ रही ट्रेन को पूरी तरह से रुकने के लिए कम से कम 625 मीटर की दूरी चाहिए होती है। इसलिए, ट्रेन रुक नहीं सकी और 60 से भी ज्यादा लोगों की मौत हो गई। आशंका जताई जा रही है कि ट्रेन अगर इमरजेंसी ब्रेक लगा देती तो ट्रेन पलट सकती थी और हताहतों की