अयोध्या राम जन्मभूमि मामले पर सुनवाई का फैसला 10 जनवरी को

नई दिल्ली: सर्वोच्च अदालत ने शुक्रवार को कहा कि अयोध्या जमीन विवाद मामले पर 2010 के इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं की सुनवाई नई पीठ करेगी। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कहा, "यह राम जन्मभूमि का मामला है। इस पर आगे का आदेश उपयुक्त पीठ 10 जनवरी को पारित करेगी।"

प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई ने मामले में वकीलों को 10 जनवरी को आने को कहा।

प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई व न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की पीठ ने कहा, "इस मामले में आगे का आदेश 10 जनवरी, 2019 को उपयुक्त पीठ द्वारा पारित किया जाएगा, जिसका गठन किया जाएगा।"

इस सुनवाई को लेकर राजनीतिक हलकों में अटकलों का सिलसिला शुरू हो गया। यह सुनवाई महज मिनट भर चली।

शीर्ष अदालत ने 29 अक्टूबर को मामले पर सुनवाई में निर्देश दिया था कि मामला उपयुक्त पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए जनवरी 2019 के पहले हफ्ते में सूचीबद्ध होगा।

इस मामले को शीर्ष अदालत के 27 सितंबर के निर्देश पर 29 अक्टूबर के लिए सूचीबद्ध किया गया था।

सर्वोच्च न्यायालय ने 27 सितंबर को निर्देश दिया था कि मामले की सुनवाई 29 अक्टूबर से शुरू करने के लिए इसे तीन न्यायाधीशों की एक पीठ को भेजा जाएगा। 

शीर्ष अदालत ने 27 सितंबर को उच्च न्यायालय के 2010 के फैसले को मुस्लिम वादियों द्वारा पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ को भेजने की चुनौती वाली याचिका खारिज कर दी थी।

अदालत ने 27 सितंबर के फैसले में मुस्लिम वादियों की याचिका को 2:1 के बहुमत से खारिज किया था। 

तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा व न्यायमूर्ति अशोक भूषण ने मुस्लिम वादियों की याचिका को खारिज कर दिया था और न्यायमूर्ति एस.अब्दुल नजीर ने मामले को संविधान की वृहद पीठ को भेजने का पक्ष लिया था।

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 2010 में दिए अपने फैसले में अयोध्या की विवादित जमीन को रामलला, निर्मोही अखाड़ा और सुन्नी वक्फ बोर्ड- तीनों पक्षों में बराबर बांटने का फैसला सुनाया था। 

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