दिल्ली हिंसा: ईरान ने दिल्ली हिंसा को बताया मुसलमानों का नरसंहार, झेलने पड़ सकते हैं प्रतिबंध

:: न्‍यूज मेल डेस्‍क ::

नई दिल्ली: ईरान के टॉप लीडर ने दिल्ली हिंसा को बताया मुसलमानों का नरसंहार, कहा- दुनियाभर में भारत को झेलने पड़ सकते हैं प्रतिबंधईरान के टॉप लीडर ने दिल्ली हिंसा को बताया मुसलमानों का नरसंहार, कहा- दुनियाभर में भारत को झेलने पड़ सकते हैं प्रतिबंधदिल्ली के उत्तर-पूर्वी इलाके के हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में तैनात सुरक्षाकर्मी।

ईरानी विदेश मंत्री जवाद ज़रीफ़ के “भारतीय मुसलमानों के खिलाफ संगठित हिंसा” की निंदा करने के तीन दिन बाद ईरान के सर्वोच्च नेता सैय्यद अली होसैनी खामनेई ने दिल्ली दंगों को “मुसलमानों का नरसंहार” बताया है। खामनेई ने भारत सरकार से तथाकथित कट्टरपंथी हिंदुओं और उनकी पार्टियों को रोकने की अपील की है। साथ ही, उन्होंने कहा कि दिल्ली में हुई हालिया हिंसा से दुनिया भर के मुसलमान दुखी हैं।

खामनेई, जो 1989 से ईरान के आध्यात्मिक नेता हैं ने गुरुवार को ट्वीट किया “दुनिया भर के मुसलमानों का दिल भारत में मुसलमानों के नरसंहार पर शोक व्यक्त कर रहा है। भारत सरकार को कट्टरपंथी हिंदुओं और उनकी पार्टियों को रोकना चाहिए तथा इस्लामी जगत से भारत को अलग-थलग पड़ने से बचाने के लिए मुसलमानों के नरसंहार को रोकना चाहिए।”

नई दिल्ली में ईरान के राजदूत अली चेगेनी को भारत द्वारा तलब किए जाने और दिल्ली में हिंसा पर ईरानी विदेश मंत्री जवाद जरीफ की ‘अवांछित’ टिप्प्णियों को लेकर सख्त विरोध दर्ज कराये जाने के दो दिनों बाद खामेनेई का यह बयान आया है।

ईरान की सुरक्षा और विदेश नीति से जुड़े फैसले लेने वाले खामेनेई ने अंग्रेजी, उर्दू, फारसी और अरबी में ट्वीट किया। साथ में, एक बच्चे की तस्वीर भी पोस्ट की है जो दिल्ली में हुई हालिया हिंसा में मारे गए एक व्यक्ति के शव को देख कर रो रहा है।

सोमवार रात, ज़रीफ़ के ट्वीट ने ईरान को आधिकारिक रूप से दंगों पर प्रतिक्रिया देने वाला चौथा मुस्लिम बहुल देश बना दिया। जरीफ ने ट्वीट किया था, ‘‘भारतीय मुस्लिमों के खिलाफ संगठित रूप से की गई हिंसा की ईरान भर्त्सना करता है। सदियों से ईरान भारत का मित्र रहा है। हम भारतीय अधिकारियों से आग्रह करते हैं कि वे सभी भारतीयों की सलामती सुनिश्चत करें और निर्रथक हिंसा को फैलने से रोकें। आगे बढ़ने का मार्ग शांतिपूर्ण संवाद और कानून का पालन करने से प्रशस्त होगा।”

ज़रीफ़ की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देते हुए, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि यह राजदूत को अवगत कराया गया था कि “दिल्ली में हालिया घटनाओं का चयनात्मक और निविदा लक्षण वर्णन स्वीकार्य नहीं है”। वहीं, ईरान के खिलाफ अमेरिका के प्रतिबंधों की परवाह नहीं करते हुए भारत ने तेहरान के साथ सौहाद्रपूर्ण संबंध कायम रखे हैं और इस खाड़ी देश में रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण चाबहार बंदरगाह के विकास में भारत सक्रियता से शामिल रहा है।

ईरान के साथ अपने द्विपक्षीय संबंधों में भारत के लिए रणनीतिक मोर्चे पर बहुत कुछ दांव पर है, खासकर अफगानिस्तान में अमेरिका द्वारा तालिबान के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद। ईरान दो विशिष्ट कारणों से महत्वपूर्ण है: यह भारत की ऊर्जा जरूरतों का हिस्सा है और चाबहार बंदरगाह के माध्यम से अफगानिस्तान तक पहुंच प्रदान करता है। गौरतलब है कि इराक में एक अमेरिकी ड्रोन हमले में ईरान के शीर्ष जनरल कासिम सुलेमानी के मारे जाने के बाद अमेरिका के साथ ईरान के तनाव बढ़ने के बीच जरीफ ने जनवरी में भारत की यात्रा की थी। वहीं, ईरान के खिलाफ अमेरिका के प्रतिबंधों की परवाह नहीं करते हुए भारत ने तेहरान के साथ सौहाद्रपूर्ण संबंध कायम रखे हैं और इस खाड़ी देश में रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण चाबहार बंदरगाह के विकास में भारत सक्रियता से शामिल रहा है।

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