गुमला: सूचना भवन सभागार में राष्ट्रीय प्रेस दिवस का आयोजन किया गया। न्यू मीडिया तथा चुनौतियाँ विषय पर आयोजित कार्यशाला का विधिवत शुभारंभ दीप प्रज्जवलन उपायुक्त, पुलिस कप्तान, जिला जन सम्पर्क पदाधिकारी व प्रेस के प्रतिनिधियांे द्वारा किया गया।
उपायुक्त शशि रंजन ने इस अवसर पर कहा, सोशल मीडिया आने के बाद समाचार संकलन, प्रेषण में तेजी से बदलाव आया है। परम्परागत मीडिया के मुकाबलें न्यू मीडिया की तीव्रता, पहुॅच व रियल टाईम सुलभता के कारण आज ज्यादा लोकप्रिय हुआ है। इसके बावजूद खबरों के बाढ़ के बीच विश्वसनीयता के मामलें में आज भी परम्परागत मीडिया पर लोगों का भरोसा बरकरार है। खबरों का विश्लेषण, तथ्यपरक खबरांे की मांग आज भी है। उन्होंने कहा, खबर ऐसी हो जो विचारों को प्रभावित करें। पत्रकारों को देशभक्त पत्रकारिता, लोकतंत्र को मजबूती करने वाले तत्वों को समाचार में जगह देपे की अपील की। उन्होंने कहा आलोचनात्मक खबरों को जरूर जगह दें। प्रशासन आपकी खबरों को जरूर तरहीज देगा। मीडिया को स्वनियंत्रित संस्था बताते हुए कहा, व्यवसायीकरण के दौर में सैद्धांतिक पत्रकारिता करना वास्तव में चुनौती है। जिला के प्रशासनिक खबरों के अलावे अन्य मुद्दे पर प्रतिमाह प्रेस काॅन्फ्रेंस के अलावे आम लोगों की समस्याओं को सुनने व समाधान के लिए टेलि काॅफ्रेंसिंग व्यवस्था शुरू करने की बात कही।
इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक अंशुमन कुमार ने कहा, न्यू मीडिया के माध्यम से भेजी जाने वाली खबरे अकसर जल्दबाजी व अपुष्ट होती है। प्रिन्ट मीडिया उन खबरों की तह तक जाकर उसका सत्यापन करती है। मीडिया कर्मियों को सलाह देते हुए कहा, नैतिकता के साथ-साथ सकारात्मक पत्रकारिता करें। पत्रकारों को भरोसा देते हुए कहा, पुलिस व प्रशासन की खबर में जल्दबाजी न करें दोनों पक्षों के पहलुओं का समावेश करें। पुलिस प्रशासन सभी अपने-अपने तरीके से शांति व्यवस्था के साथ जिला का विकास चाहती है। उन्होंने मीडिया को हर सहयोग मदद् करने की बात इस दौरान कही।
सचिव विधिक सेवा प्राधिकार विनोद कुमार ने कहा, लोकतंत्र में चैथा स्तंभ का दर्जा प्राप्त मीडिया की ताकत को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। प्रशासन, सरकार, न्यायालय भी कई बार खबरों का स्वतः संज्ञान लेकर कार्रवाई करती रही है। उन्होंने कहा, समाचार लेखन, संग्रहण, प्रेषण में मानकों का ख्याल रखते हुए रचनात्मक पत्रकारिता कर अंतिम व्यक्ति तक लाभ पहुॅचाने का लक्ष्य लेकर कार्य करें।
कार्यक्रम के दौरान रणधीर निधि, रमेश पाण्डेय, आफताब अंजुम, मोहम्मद आरिफ, शशि भूषण, बलदेव शर्मा, दुर्जय पासवान आदि मीडिया कर्मियों ने भी विचार रखें। मीडिया कर्मियों ने पत्रकारिता को जुनून बताते हुए कहा, व्यवसायीकरण के बाद नैतिक पत्रकारिता में गिरावट आई है। मीडिया हाऊस, सरकार की तरफ से मीडिया कर्मियों के हित के लिए कार्य नहीं किया जा रहा है। जोखिम भरा पत्रकारिता कार्य के दौरान कई बार पुलिस अथवा असामाजिक लोगों से झड़प होती है। कई बार पत्रकारों पर केस मुकदमा हो जाता है। निष्पक्ष पत्रकारिता के साथ नैतिक पत्रकारिता व समाज में उचित मान सम्मान, सुरक्षा हेतु सरकार, मीडिया हाऊस, जिला प्रशासन पहल करें, ताकि पत्रकारों का मनोबल बना रहे।
कार्यक्रम का संचालन जिला जन सम्पर्क पदाधिकारी पंचानन उराँव ने किया। कार्यक्रम के उपरांत मीडिया कर्मियों की अतिथियों के द्वारा उपहार स्वरूप आम का पौधा भेंट कर, पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया गया।