मध्यप्रदेश के पूर्व डीजीपी शुक्‍ला अब नए सीबीआई प्रमुख

एक आधिकारिक अधिसूचना के अनुसार, "समिति की अनुशंसा वाले पैनल के आधार पर दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम, 1946 के अनुच्छेद 4 ए(1) के आधार पर गठित कैबिनेट की चयन समिति ने ऋषि कुमार शुक्ला को दो वर्ष के लिए सीबीआई के निदेशक के तौर पर चुना।

नई दिल्ली: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना से विवाद के बाद आलोक वर्मा को सीबीआई के प्रमुख के पद से हटाए जाने के 20 दिन बाद शनिवार को मध्यप्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ऋषि कुमार शुक्ला को सीबीआई का नया प्रमुख नियुक्त किया गया। सीबीआई प्रमुख का नाम तय करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली उच्चस्तरीय चयन समिति की बैठक के अगले दिन शुक्ला को दो वर्ष के कार्यकाल के लिए सीबीआई प्रमुख चुना गया। सीबीआई प्रमुख चुनने के लिए समिति पिछले नौ दिनों में दो बार बैठक कर चुकी है।

एक आधिकारिक अधिसूचना के अनुसार, "समिति की अनुशंसा वाले पैनल के आधार पर दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम, 1946 के अनुच्छेद 4 ए(1) के आधार पर गठित कैबिनेट की चयन समिति ने ऋषि कुमार शुक्ला को दो वर्ष के लिए सीबीआई के निदेशक के तौर पर चुना।"

मध्यप्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार में डीजीपी रहे शुक्ला (59) इस समय पुलिस हाउसिंग कॉर्पोरेशन के प्रमुख थे। उन्हें सीबीआई में काम करने का तो कोई अनुभव नहीं है, मगर इंटेलीजेंस ब्यूरो में काम कर चुके हैं।

ऋषि कुमार शुक्ला को मध्यप्रदेश की कांग्रेस सरकार के मुखिया कमलनाथ ने पांच दिन पहले 29 जनवरी को डीजीपी पद से हटाया था। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के करीबी माने जाते हैं।

शुक्ला अगस्त, 2020 में सेवानिवृत्त हो जाते, लेकिन सीबीआई प्रमुख बनने के बाद उनका कार्यकाल फरवरी, 2021 में खत्म होगा।

शुक्ला मध्यप्रदेश के डीजीपी के तौर पर 30 जून, 2016 को चुने गए थे। इस पद पर वह 29 जनवरी, 2019 तक रहे।

सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार को सवाल उठाया था कि सीबीआई में अंतरिम प्रमुख एम. नागेश्वर राव से कब तक काम चलाया जाएगा।

सर्वोच्च न्यायालय में न्यायाधीश न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा की पीठ ने सरकार को बताया था कि सीबीआई निदेशक का पद संवेदनशील होता है और सरकार को अभी स्थायी निदेशक चुनना होगा।

सीबीआई प्रमुख के पद पर वर्मा को सर्वोच्च न्यायालय द्वारा बहाल किए जाने के बाद उच्चस्तरीय समिति ने 10 जनवरी को वर्मा को फिर से हटा दिया था। केंद्र सरकार ने उन्हें अग्निशमन, नागरिक सेवा और होम गार्ड का महानिदेशक नियुक्त किया था। उन्होंने इस पद को अस्वीकार कर दिया था।"

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