पारा शिक्षकों की मांग जायज: चमरा लिंडा 

Approved by Anonymous (not verified) on Tue, 11/27/2018 - 19:00

छत्तीसगढ़ नियमावली के आधार पर पारा शिक्षकों की मांग को जायज ठहरा रहे हैं चमरा लिंडा।

गुमला: विशनपुर विधायक चमरा लिंडा ने झारखंड के 69,000 पारा शिक्षकों की मांग को जायज ठहराया है। चमरा लिंडा ने कहा कि झारखंड के गांव देहात और जंगलों में रहने वाले आदिवासी और गैर आदिवासि पारा शिक्षकों के सहारे ही झारखंड के प्राथमिक और मध्य विद्यालय चल रहा है। पारा शिक्षकों की हड़ताल में जाने से स्कूल में ताला लटक गया है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है। सरकार की घोर लापरवाही का नतीजा है कि बच्चों का भविष्य अंधकारमय हो गया है। न तो बच्चों को विद्यालय में मध्यान्ह  भोजन मिल रहा है और न ही उनका पठन-पाठन हो रहा है। बच्चों के शैक्षणिक स्तर में भारी गिरावट हो रही है। सरकार केवल बाहरी लोगों को बसाने और उन्हें नौकरी दिलाने में व्यस्त है। पारा शिक्षक पिछले 15 वर्षों से कड़ी मेहनत कर विद्यालय में अपना महत्वपूर्ण योगदान देते आ रहे हैं जिन्हें किसी की किम्मत में नहीं हटाया जा सकता। सरकार उन्हें हटाने की बात कर रही है जो निराधार और हास्यास्पद है। इन पारा शिक्षकों की बहाली ग्राम शिक्षा समिति करती है, जो इनके समर्थन में उतर चुकी है। उन्होंने कहा कि शिक्षा मंत्री से मिलकर एक दो दिनों के अंदर ही पारा शिक्षकों की जायज मांग को वे तर्क पूर्ण ढंग से रखेंगे। इसके लिए छत्तीसगढ़ नियमावली भी उन्होंने मंगा लिया है, जिसका हवाला देते हुए पारा शिक्षकों का स्थायीकरण और वेतनमान देने की मांग वे करेंगे। साथ ही शिक्षा मंत्री से वार्ता कर विद्यालय प्रारंभ करवाने की मांगभी करेंगे। जिससे विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों और उन्हें पढ़ाने वाले शिक्षकों का भविष्य उज्जवल हो सके।

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