24 वर्षीय पाकिस्तानी मानवाधिकार एक्टिविस्ट जिसे तालिबान ने शिक्षा की हिमायत करने की वजह से गोली मार दी थी उन्होंने मंगलवार को असर मलिक और उनके परिवार के साथ अपने जश्न की तस्वीरें ट्विटर पर पोस्ट कीं।
मलाला ने लिखा, "आज का दिन मेरे जीवन का एक अनमोल दिन है। असर और मैं जीवन भर के लिए पार्टनर बनने के लिए शादी के बंधन में बंध गए। हमने अपने परिवारों के साथ बर्मिंघम में घर पर एक छोटा निकाह समारोह मनाया। कृपया हमें अपनी दुआएं भेजें। हम आगे की यात्रा के लिए एक साथ चलने के लिए उत्साहित हैं।"
बता दें कि यूसुफजई का जन्म पाकिस्तान में हुआ। पाकिस्तान में लड़कियों की शिक्षा की हिमायत करने वाली मलाला यूसुफजई पर तालिबान आतंकियों ने 2012 में हमला किया। उस समय उनकी उम्र 15 साल थी। लड़कियों की शिक्षा और अधिकारों की लड़ाई लड़ने वाली मलाला पाकिस्तान में आतंकियों के निशाने पर रहीं। उन्हें 2012 में पाकिस्तान की खूबसूरत स्वात घाटी में स्कूल से घर लौटते समय गोली मार दी गई थी।
वह चिकित्सा उपचार के लिए अंग्रेजी शहर बर्मिंघम गई। ठीक होने के बाद वह वापस स्कूल गई और इतना ही नहीं बल्कि वह दूसरों के लिए शिक्षा के अधिकार के लिए अभियान चलाती रही। उन्होंने जून 2020 में ऑक्सफोर्ड से स्नातक किया।
उनका ट्विटर फीड सद्भावना के भावों से भरा हुआ था।मलाला के पिता जियाउद्दीन यूसुफजई ने भी ट्विटर पर पोस्ट करते हुए मलाला की शादी की जानकारी दी है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा यह शब्दों से परे है। मलाला के ट्वीट को सोशल मीडिया पर काफी तेजी से रिस्पांस मिल रहा है।