पटना: बिहार पुलिस ने मुजफ्फरपुर बालिका आश्रय गृह दुष्कर्म कांड से जुड़े हथियार के एक मामले में अदालत के आदेश के बाद शनिवार को भगोड़ी घोषित पूर्व मंत्री मंजू वर्मा की संपत्तियों को जब्त करने की प्रक्रिया शुरू की। बेगूसराय पुलिस अधीक्षक अवकाश कुमार ने कहा, "संपत्ति जब्ती नोटिस उनके आवास पर चिपका दिया गया है और पुलिस ने प्रक्रिया शुरू कर दी है।"
मंजू वर्मा के पटना व बेगूसराय स्थित आवासों पर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के छापे के दौरान 50 जिंदा कारतूस बरामद किए थे, जिसके बाद से वर्मा पर हथियार अधिनियम के तहत गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है।
वह बीते तीन महीनों से फरार हैं। पटना उच्च न्यायालय ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी।
पिछले माह बेगूसराय की एक अदालत ने मंजू वर्मा के खिलाफ वारंट जारी किया था।
पिछले एक माह से फरार मंत्री के पति चंद्रशेखर वर्मा ने सोमवार को अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया, जिसके बाद उन्हें इस मामले में 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
मंजू वर्मा ने आरोप लगने के बाद 8 अगस्त को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। आरोप है कि मुजफ्फरपुर के बालिका आश्रय गृह कांड के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर से उनके पति के करीबी रिश्ते हैं। मंजू मीडिया के सामने कह चुकी हैं कि वह खुद बालिका आश्रय गृह में जाया करती थीं और उनके पति बाहर कार में बैठे रहते थे। इस बालिका आश्रय गृह में 34 बच्चियों के साथ दुष्कर्म की पुष्टि हुई है।
ब्रजेश ठाकुर फिलहाल मुजफ्फरपुर जेल में बंद है। वह स्थानीय अखबार 'प्रात:कमल' का संचालक भी था। उसके इस छोटे अखबार को नीतीश सरकार से करोड़ों रुपये के विज्ञापन मिलते रहे हैं। सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर ब्रजेश को पंजाब की पटियाला जेल भेज दिया गया है।