नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने कोयला ब्लॉक आवंटन मामले में पूर्व कोयला सचिव एच.सी. गुप्ता और तीन अन्य पूर्व सरकारी अधिकारियों को बुधवार को तीन साल कारावास की सजा सुनाई है। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के विशेष न्यायाधीश भरत पाराशर ने गुप्ता और दोनों पूर्व अधिकारियों के.एस. क्रोफा और के.सी.समरिया पर 50,000 का जुर्माना भी लगाया है।
न्यायाधीश पारासर ने विकास मेटल एंड पॉवर लिमिटेड (वीएमपीएल) के प्रबंध निदेशक विकास पटनी और इसके अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता आनंद मलिक को चार साल जेल की सजा सुनाई है।
अदालत ने वीएमपीएल के पक्ष में पश्चिम बंगाल में कोयला ब्लॉक मोइरा-मधुजोर को आवंटित करने के लिए पिछले सप्ताह सभी पांच अभियुक्तों को आपराधिक साजिश रचने का दोषी पाया था।
विशेष सीबीआई न्यायालय द्वारा कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाले में यह छठा फैसला सुनाया गया है। सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय द्वारा जांच किए गए 20 से अधिक मामले अभी भी लंबित हैं।