निशिकांत दुबे की 'फर्जी' डिग्री को लेकर महुआ मोइत्रा हमलावर

Approved by admin on Sat, 03/18/2023 - 12:06

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नई दिल्ली:   भाजपा सांसद निशिकांत दुबे द्वारा विदेश में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की अपमानजनक टिप्पणी की जांच करने और लोकसभा से उनके निष्कासन पर विचार करने के लिए एक विशेष संसदीय समिति की मांग करने के कुछ दिनों बाद, तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा ने शुक्रवार को फिर से दुबे की शैक्षणिक योग्यता पर सवाल उठाया।
ट्वीट्स में, उन्होंने शैक्षिक रिकॉर्ड पर सवाल उठाया। माननीय सदस्य ने अपने 2009 और 2014 के लोकसभा हलफनामे में दिल्ली विश्वविद्यालय से एमबीए होने का दावा किया है। कृपया ध्यान दें - 2019 से पहले शैक्षिक योग्यता की पूरी सूची सूचीबद्ध करने की आवश्यकता थी।

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टाटा दे रही है 1898 आदिवासी बालाओं को रोजगार, अर्जुन मुन्‍डा ने हरी झंडी दिखाई

Approved by admin on Wed, 09/28/2022 - 09:12

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रांची:  टाटा समूह की कंपनी टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी ने ह्यूमन ट्रैफिकिंग के लिए बदनाम झारखंड के खूंटी, सरायकेला-खरसावां, सिमडेगा और पश्चिम सिंहभूम जिले में स्पेशल रिक्रूटमेंट कैंप लगाकर 1898 लड़कियों को रोजगार देने का निर्णय लिया है। पहले बैच में चुनी गई 822 लड़कियों को मंगलवार को स्पेशल ट्रेन से रांची के हटिया स्टेशन से तमिलनाडु के हुसूर के लिए रवाना किया गया। केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा ने इस स्पेशल ट्रेन को हरी झंडी दिखाई।

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राज्य और केंद्र सरकार झारखंड में भयंकर सुखाड़ के लिए दे तुरंत राहत : ज्‍यां द्रेज

Approved by admin on Sat, 09/10/2022 - 20:38

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इस साल झारखंड में बारिश की कमी किसी से छुपी हुई नहीं है. IMD के आंकड़ों के अनुसार इस साल अभी तक राज्य में सामान्य से 25% कम बारिश हुई है. राज्य के 15 जिलों में सामान्य से काफी कम बारिश हुई है और दो जिलों (गढ़वा व पलामू) में तो भायावही स्थिति है. विदित हो कि झारखंड में मात्र लगभग 10% खेती के क्षेत्र ही सिंचित हैं. इसका सीधा प्रभाव राज्य की प्रमुख खरीफ फसल धान पर पड़ा है.

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झारखंडी जन आंदोलन का तात्कालिक संभावित नीति-सूत्र : सालखन मुर्मू

Approved by admin on Tue, 05/03/2022 - 09:16

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झारखंड में राजनीतिक हलचल तेज है। झारखंड स्थापना से अब तक 22 वर्षों में अनेक बार सत्ता का परिवर्तन हुआ है, आगे भी होगा। परंतु क्या झारखंडी जन अर्थात आदिवासी- मूलवासी की जीवन में कोई परिवर्तन हो सका है? नहीं। उसका सपना "अबुआ दिसुम- अबुआ राज" के खिलाफ सब कुछ हो रहा है। तब क्या झारखंडी जन पार्टियों / नेताओं को कोसने के बदले निम्न नीति- सूत्र पर चिंतन मंथन कर एक नया झारखंड, अपने सपनों के झारखंड को सच बनाने के सार्थक पहल में भागीदारी निभा सकेगा ?

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उरांव जनजाति की महिलाओं को पैतृक संपत्ति में अधिकार फैसले का सेंगेल ने स्‍वागत किया

Approved by admin on Tue, 04/26/2022 - 11:00

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रांची / जमशेदपुर: आदिवासी सेंगेल अभियान ने झारखंड हाई कोर्ट द्वारा 22 अप्रैल 2022 को उरांव जनजाति की महिलाओं को पैतृक संपत्ति में अधिकार पाने को ऐतिहासिक फैसला बताते हुए का फैसले का स्वागत किया है। सेंगेल के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष सालखन मुर्मू ने कहा कि यह संविधानसम्मत होने के साथ-साथ स्त्री पुरुष के बीच भेदभाव को समाप्त करता है। अतः आदिवासी समाज के अन्य सभी जनजातियों यथा संताल,मुंडा, हो, भूमिज आदि के बीच में भी इसको लागू करने का रास्ता प्रशस्त होता है। परंतु कतिपय आदिवासी संगठन प्रथा, परंपरा या कस्टम आदि के नाम पर संविधान- कानून विरोधी कुछएक प्राचीन क्रियाकलापों को जीवित रखने की वकालत कर समाज

सरना धर्म कोड के लिए 30 सितंबर को पांच राज्‍यों में प्रदर्शन: संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस

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रांची:  टूनकीटोली, बरियातू में सरना धर्म कोड की मान्यता आंदोलन को नई ऊर्जा के साथ मंजिल तक पहुंचाने के लिए एक संयुक्त बैठक की गई। जिसमें पूर्व सांसद सालखन मुर्मू, अध्यक्ष, आदिवासी सेंगेल अभियान, फूलचंद तिर्की, अध्यक्ष केंद्रीय सरना समिति और सत्यनारायण लकड़ा, अध्यक्ष अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद के  साथ सुमित्रा मुर्मू, संजय तिर्की विनय टोप्पो नीरा टोप्पो सोनी तिरकी ज्योति मुर्मू भुबनेश्वर लोहरा प्रमोद एक्का निर्मला कुजूर घनश्याम टुडू महेंद्रा बेक प्रदीप खलखो आदि  शामिल हुए। 

तालीम पर ताला : स्कूली शिक्षा पर आपात रिपोर्ट

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गरीब परिवारों के करीब 1,400 बच्चों के बीच हाल में किए गए एक सर्वेक्षण से पिछले डेढ़ साल के दौरान लंबे अरसे तक स्कूल बंद होने के अनर्थकारी नतीजे सामने आए हैं. सर्वेक्षण में शामिल ग्रामीण इलाकों के सिर्फ 8 फीसद बच्चे नियमित रूप से ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं, 37 फीसद बिल्कुल पढ़ ही नहीं रहे हैं, और करीब आधे कुछेक शब्दों से ज्यादा नहीं पढ़ सकते. ज्यादातर अभिभावक चाहते हैं कि स्कूल जल्द से जल्द खुलें. ऊपर देखें स्कूल सर्वे 2021: प्रमुख नतीजे। 

आदिवासी हित के सवाल पर हेमंत सरकार का चेहरा बेनकाब हुआ : सालखन मुर्मू

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पूर्व सांसद व सेंगेल अभियान के अध्‍यक्ष सालखन मुर्मू ने एक विज्ञप्ति जारी कर कहा कि आखिर पुलिस अफसर रूपा तिर्की के मामले में हेमंत सरकार का जन विरोधी चेहरा बेनकाब हो गया है। सारे प्रपंचों को दरकिनार कर मान्य झारखंड उच्च न्यायालय ने इस मामले पर सीबीआई जांच का आदेश देकर झारखंड सरकार के मुंह में एक जोरदार थप्पड़ मारा है। न्याय की प्रक्रिया को जीवित रखा है। इस जीत के लिए रूपा के माता-पिता, सभी सहयोगी, जन संगठनों और वरिष्ठ वकील राजीव कुमार तथा पत्रकार तीर्थ नाथ आकाश के साथ सभी संघर्षशील जनता बधाई के पात्र हैं। सेंगेल ने कल 31.8.21 को भी 5 प्रदेशों में हेमंत सरकार का पुतला जलाकर सात मांगों के साथ

नई सोच के साथ विश्व आदिवासी दिवस: 9 अगस्त 2021 का अनुपालन

:: सालखन मुर्मू ::

" झारखंड बचेगा तो बृहद झारखंड और भारत के आदिवासी बचेंगे। अतः अब बृहद झारखंड बनाने की सोच से ज्यादा जरूरी है बृहद झारखंड अर्थात बंगाल, बिहार, उड़ीसा, आसाम, छत्तीसगढ़ और झारखंड आदि के आदिवासियों को मिलकर झारखंड को बचाने और समृद्ध करने का संकल्प और कार्य योजना बनाकर मैदान में उतर जाने का। चूँकि झारखंड के अधिकांश आदिवासी नेता और आदिवासी जनता ने शहीदों, पूर्वजों और आंदोलनकारियों का सपना - "अबुआ दिशुम, अबुआ राज" को विगत दो दशकों में लुटने- मिटने के कगार पर खड़ा कर दिया है। सपनों को बचाने की जगह बेचने का काम किया है। चलो विश्व आदिवासी दिवस के दिन प्रेरणा लेकर आगे बढ़ें।"- सालखन मुर्मू।

सरना कोड आंदोलन: जनगणना के दौरान आदिवासी 'अन्‍यान्‍य' कॉलम में लिखेंगे 'सरना धर्म' - सालखन

:: न्‍यूज मेल डेस्‍क ::

हमारी माँग है भारत के प्रकृति पूजक आदिवासियों को 2021 की जनगणना में भारत सरकार  " सरना धर्म कोड " देकर सम्मानित और शामिल करे। यदि भाजपा की केंद्रीय सरकार ऐसा नहीं करती है तो भारत के आदिवासी अन्यान्य कालम में सरना धर्म लिखेंगे और अपनी संघर्ष जारी रखेंगे। 2011 की जनगणना में सरना धर्म लिखाने वालों की संख्या लगभग 50 लाख थी। 2021 में इसे 2 करोड़ से ज्यादा करने की कोशिश होगी। जो बौद्ध ( 84 लाख) और जैन (44 लाख ) धर्म से ज्यादा हो जायेगी और सिख धर्म के करीब हो जायेगी।