आदिवासी हित के सवाल पर हेमंत सरकार का चेहरा बेनकाब हुआ : सालखन मुर्मू

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पूर्व सांसद व सेंगेल अभियान के अध्‍यक्ष सालखन मुर्मू ने एक विज्ञप्ति जारी कर कहा कि आखिर पुलिस अफसर रूपा तिर्की के मामले में हेमंत सरकार का जन विरोधी चेहरा बेनकाब हो गया है। सारे प्रपंचों को दरकिनार कर मान्य झारखंड उच्च न्यायालय ने इस मामले पर सीबीआई जांच का आदेश देकर झारखंड सरकार के मुंह में एक जोरदार थप्पड़ मारा है। न्याय की प्रक्रिया को जीवित रखा है। इस जीत के लिए रूपा के माता-पिता, सभी सहयोगी, जन संगठनों और वरिष्ठ वकील राजीव कुमार तथा पत्रकार तीर्थ नाथ आकाश के साथ सभी संघर्षशील जनता बधाई के पात्र हैं। सेंगेल ने कल 31.8.21 को भी 5 प्रदेशों में हेमंत सरकार का पुतला जलाकर सात मांगों के साथ

नई सोच के साथ विश्व आदिवासी दिवस: 9 अगस्त 2021 का अनुपालन

:: सालखन मुर्मू ::

" झारखंड बचेगा तो बृहद झारखंड और भारत के आदिवासी बचेंगे। अतः अब बृहद झारखंड बनाने की सोच से ज्यादा जरूरी है बृहद झारखंड अर्थात बंगाल, बिहार, उड़ीसा, आसाम, छत्तीसगढ़ और झारखंड आदि के आदिवासियों को मिलकर झारखंड को बचाने और समृद्ध करने का संकल्प और कार्य योजना बनाकर मैदान में उतर जाने का। चूँकि झारखंड के अधिकांश आदिवासी नेता और आदिवासी जनता ने शहीदों, पूर्वजों और आंदोलनकारियों का सपना - "अबुआ दिशुम, अबुआ राज" को विगत दो दशकों में लुटने- मिटने के कगार पर खड़ा कर दिया है। सपनों को बचाने की जगह बेचने का काम किया है। चलो विश्व आदिवासी दिवस के दिन प्रेरणा लेकर आगे बढ़ें।"- सालखन मुर्मू।

सरना कोड आंदोलन: जनगणना के दौरान आदिवासी 'अन्‍यान्‍य' कॉलम में लिखेंगे 'सरना धर्म' - सालखन

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हमारी माँग है भारत के प्रकृति पूजक आदिवासियों को 2021 की जनगणना में भारत सरकार  " सरना धर्म कोड " देकर सम्मानित और शामिल करे। यदि भाजपा की केंद्रीय सरकार ऐसा नहीं करती है तो भारत के आदिवासी अन्यान्य कालम में सरना धर्म लिखेंगे और अपनी संघर्ष जारी रखेंगे। 2011 की जनगणना में सरना धर्म लिखाने वालों की संख्या लगभग 50 लाख थी। 2021 में इसे 2 करोड़ से ज्यादा करने की कोशिश होगी। जो बौद्ध ( 84 लाख) और जैन (44 लाख ) धर्म से ज्यादा हो जायेगी और सिख धर्म के करीब हो जायेगी। 

रूपा तिर्की के संदिग्ध मौत पर सीबीआई जांच न्याय की मांग है, गुप्ता कमीशन नहीं- सालखन मुर्मू

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रूपा तिर्की की मौत पर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा। आदिवासी सेंगेल अभियान के अध्‍यक्ष सालखन मुर्मू ने कहा है कि रूपा तिर्की मौत की जांच सीबीआई से कम बिल्‍कुल स्‍वीकार्य नहीं है। झारखंड सरकार द्वारा घोषित न्‍यायिक जांच के लिए गुप्‍ता कमीशन के गठन को उन्‍होंने आईवाश करार दिया। एक प्रेस विज्ञप्ति में सालखन बताते हैं कि झारखंड सरकार के मेमो नंबर -1860 तिथि- 8.6.2021 के मार्फत बोरियो थाना केस नंबर -127/ 2021 तिथि  9.5.2021 पर  रूपा तिर्की, सब इंस्पेक्टर, झारखंड पुलिस की अप्राकृतिक मौत की जांच के लिए गठित जस्टिस विनोद कुमार गुप्ता कमीशन बिल्कुल अनावश्यक और तथ्यों को छिपाने और भटकाने की कोशिश मात

स्‍टेन स्‍वामी मुंबई के अस्‍पताल में..

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फादर स्‍टेन स्‍वामी को जेल से मुंबई के होली फैमिली अस्पताल में दाखिल करा दिया गया है। बतायें कि 84 वर्षीय झारखंड के ट्राइबल राइट्स ऐक्टिविस्‍ट स्‍टेन स्‍वामी को भीमा कोरेगांव घटना में शामिल होने के आरोप में एनआइए की टीम ने रांची से गिरफ़तार कर मुंबई ले गई थी। वहां उन्‍हें तलोजा जेल में रखा गया था। पिछले दिनों उनकी तबियत काफी बिगड़ जाने के बाद मुंबई हाईकोर्ट ने उनके स्‍वास्‍थ्‍य को लेकर चिंता जाहिर करते हुए अस्‍पताल में भर्ती कराने की सलाह दी थी। लेकिन सरकार द्वारा चयनित अस्‍पताल जे जे अस्‍पताल में वह जाने के लिए राजी नहीं हुए। 84 वर्षीय जेसुइट कार्यकर्ता पार्किंसन सहित कई बीमारियों से ग्रस्

सालखन ने रूपा तिर्की मौत की जांच सीबीआई से कराने के लिए राज्‍यपाल को पत्र लिखा

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झारखंड सरकार इस गंभीर मामले पर चुप्पी साध कर पूरे मामले को किसी षड्यंत्र के तहत रफा-दफा करने की कोशिश में प्रतीत होती है। रूपा तिर्की के मामले पर उनके परिजनों ने मान्य झारखंड हाई कोर्ट का दरवाजा भी खटखटा दिया है। आरोप है कि कोई पंकज मिश्रा जो बारहेट विधानसभा में माननीय विधायक हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि भी हैं, के दबाव में सब कुछ उल्टा किया जा रहा है। 

रांची/जमशेदपुर: सालखन मुर्मू ने रूपा तिर्की की संदिग्धं मौत के मामले मे झारखंड के राज्य पाल को पत्र लिखकर सीबीआई जांच की मांग की है। आदिवासी सेंगेल अभियान के अध्य‍क्ष सालखन मुर्मू ने पत्र में कहा है कि झारखंड के मुख्यूमंत्री हेमन्त  सोरेन के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा वर्तमान जांच को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं। पत्र में मुर्मू ने कहा, झारखंड प्रदेश के अधिकांश जिलों में शेड्यूल एरिया (अनुसूचित क्षेत्र) विद्यमान हैं। अतः यहां पांचवीं अनुसूची के मार्फत " अनुसूचित क्षेत्रों और  अनुसूचित जनजातियों के प्रशासन और नियंत्रण " के सकारात्मक तत्वों का प्रभावी क्रियान्वयन लाजिमी है। तत्सम्बन्धी

"रूपा तिर्की को न्याय दो" के नारे के साथ झारखंड सहित पांच राज्‍यों में राज्‍य सरकार का पुतलादहन व धरना

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सा‍हेबगंज की दारोगा रूपा तिर्की की संदिग्ध मौत पर झारखंड सरकार के रवैया के खिलाफ आदिवासी सेंगेल अभियान और अन्य संगठनों की ओर से एकदिवसीय सांकेतिक धरना और राज्‍य के कई इलाकों में झारखंड सरकार का पुतला दहन 21 मई 2021 को किया जा रहा है। यह कार्यक्रम पांच  प्रदेशों में किया जा रहा है, यह जानकारी आदिवासी सेंगेल अभियान के अध्‍यक्ष सालखन मुर्मू ने एक विज्ञप्ति जारी करके दी है। 

अमेरिकी मित्रों  की पहल से प्रो अरुण राय ने झारखंड को दिए छह ऑक्सीजन कॉन्सेनट्रेटर

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रांची: मुंबई निवासी प्रो. अरुण राय ने झारखंड को छह आक्सीजन कॉन्सेनट्रेटर उपलब्ध कराए हैं। इनका उपयोग इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, अंजुमन इस्लामिया अस्पताल  तथा गिरिडीह और बगोदर विधानसभा क्षेत्र में होगा। गिरिडीह के विधायक सुदिव्य कुमार तथा  बगोदर के विधायक विनोद सिंह ने सभी सहयोगकर्ताओं के प्रति आभार व्यक्त किया है। 

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उपायुक्त  ने किया रांची प्रेस क्लब में विशेष टीकाकरण कैंप का उद्घाटन

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जिला प्रशासन की पहल पर मीडियाकर्मियों को वैक्सीन लगाने के लिए रांची प्रेस क्लब परिसर में विशेष कैंप का उद्घाटन  उपायुक्त छवि रंजन ने किया l इस अवसर पर उपायुक्त ने कहा कि इस कोरोना संक्रमण के बीच भी मीडिया कर्मी पूरी सक्रियता से कार्य कर रहे हैं l ऐसे में मीडिया कर्मियों की सुरक्षा प्राथमिकता है l इस विशेष कैंप के माध्यम से  मीडिया कर्मियों का टीकाकरण किया जाएगा l रांची प्रेस क्लब में यह विशेष कैंप 7 दिनों के लिए लगाया जा रहा है l विशेष कैंप का संचालन रांची प्रेस क्लब और मिशन ब्लू फाउंडेशन द्वारा किया जा रहा है। 

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आदिवासी आंदोलनों के मार्गदर्शक थे स्‍व. डॉ निर्मल मिंज - सालखन मुर्मू

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झारखंड के जानेमाने आदिवासी बुद्धिजीवी स्‍व. डॉ निर्मल मिंज को श्रद्धांजलि देते हुए राष्‍ट्रीय सेंगल अभियान के अध्‍यक्ष सालखन मुर्मू कहते हैं- जब झारखंड गठन पर 15. नवम्बर 2000 को बाबूलाल मरांडी की बीजेपी सरकार आधी रात को राजभवन, रांची में काबिज हो गई तो पूरा झारखंड ठगा सा महसूस करने लगा। आदिवासी समाज दिल से दुखी था। चूँकि बीजेपी हमेशा से झारखंड बिरोधी था। परिस्थिति को भांप कर वह बाद में वनांचल मांगने लगा था।