नई सोच के साथ विश्व आदिवासी दिवस: 9 अगस्त 2021 का अनुपालन
" झारखंड बचेगा तो बृहद झारखंड और भारत के आदिवासी बचेंगे। अतः अब बृहद झारखंड बनाने की सोच से ज्यादा जरूरी है बृहद झारखंड अर्थात बंगाल, बिहार, उड़ीसा, आसाम, छत्तीसगढ़ और झारखंड आदि के आदिवासियों को मिलकर झारखंड को बचाने और समृद्ध करने का संकल्प और कार्य योजना बनाकर मैदान में उतर जाने का। चूँकि झारखंड के अधिकांश आदिवासी नेता और आदिवासी जनता ने शहीदों, पूर्वजों और आंदोलनकारियों का सपना - "अबुआ दिशुम, अबुआ राज" को विगत दो दशकों में लुटने- मिटने के कगार पर खड़ा कर दिया है। सपनों को बचाने की जगह बेचने का काम किया है। चलो विश्व आदिवासी दिवस के दिन प्रेरणा लेकर आगे बढ़ें।"- सालखन मुर्मू।