गुमला : चीफ आॅफ आर्मी स्टाफ जनरल विपिन रावत परमवीर चक्र विजेता, शहीद स्वर्गीय लांस नायक अलबर्ट एक्का के पैतृक भूमि चैनपुर में आयोजित भूतपूर्व सैनिकों की रैली में शामिल हुए। देश की सेवा में सर्वोच्च सैन्य बलिदान एवं सेना में सेवा के लिए भूतपूर्व सैनिकों एवं उनके परिवार के सम्मान में कार्यक्रम आयोजित किये गये।
कार्यक्रम में परमवीर चक्र विजेता अलबर्ट एक्का की पत्नी बलमदीना एक्का को शाॅल ओढ़ा कर सम्मानित किया गया। साथ ही 51 हजार रूपये का चेक चीफ जनरल आॅफ आर्मी के द्वारा दिया गया।
चैनपुर स्थित बरवे उच्च विद्यालय ग्राउंड में आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए आर्मी चीफ विपिन रावत ने झारखण्ड को वीरों की भूमि बताया। अपने संबोधन की शुरूवात उन्होंने ’’आओं झुककर सलाम करें जिनके हिस्से में ये मुकाम आया है खुशनसीब होते है वे सैनिक जिनका खून देश के काम आता है’’। उन्होंने परमवीर चक्र विजेता की धर्म पत्नी बलमदीना एक्का को धन्यवाद करते हुए कहा, आपकी बदौलत हमे यहां आने का नसीब मिला। झारखण्ड के युवाओं का सैन्य क्षेत्र में सेवा की प्रशंसा करते हुए कहा, यहां के सैनिकों ने अपनी मेहनत व लगन के बल पर सेना व देश को गौरवान्वित किया है। अलबर्ट एक्का के अदम्य साहस व सैन्य पराक्रम की भूरी-भूरी प्रशंसा करते हुए सन 1971 में भारत पाक युद्ध में 14वीं गार्ड बटालियन को अखौरा सेक्टर में घायल होने के बावजूद (गंगासागर) पाक बंकर को ध्वस्त करते हुए शहीद होने की कहानी उपस्थित लोगों को बताई। पूरे सेवा काल मंे सैनिकों के द्वारा समर्पण की सराहना करते हुए सैनिकों की परिवारों के धैर्य की भी सराहना उन्होंने की। सेवा उपरांत रिटायर्ड सेना कर्मियों को समाज का मार्गदर्शन करने, युवाओं का प्रेरणास्रोत बनने के लिए प्रेरित किया। गुमला के युवाओं को अधिक से अधिक संख्या में सेना से जुड़कर देश सेवा के लिए आगे आने की अपील की। जनरल रावत ने अपने भाषण का अंत भरा नहीं जो भावों से बहती नदी रसदार नहीं वो ह्दय नहीं पत्थर है जिसमें देश का प्यार नहीं।
उन्होंने कहा एक छोटी आयु में अलबर्ट एक्का सन 1971 के युद्ध में अपनी वीरता दिखाने का गौरव प्राप्त हुआ। जब पाकिस्तान के साथ युद्ध हुआ। पाकिस्तान को हराते हुए आगे बढ़ने का अवसर मिला था। गंगासागर से जब यूनिट बढ रही थी एक ऐसी मशीन गन थी, जो हमारे जवानों को घायल कर रहे थे। यह देख अलबर्ट एक्का ने मशीन गन का मुंह मोड़ हमारे भारत के सैनिकों को ज्यादा क्षति होने से रोका। आगे एक पाकिस्तान का मोरचा था। जिसे अलबर्ट एक्का ने उसे बंकर पर कब्जा कर लिया। घायल होने के बाद भी वे सैनिकों की मदद करते रहे। जिससे भारत को सफलता मिली। इसी का परिणाम है कि हम उस युद्ध में विजयी रहे। मुझे उनकी धर्मपत्नी पर गर्व है। उनके परिवार के लोग गौरवान्वित महसूस करते हैं। खासकर गुमला वासियों के लिए भी गर्व की बात है। इस धरती ने वीर सपूत को जन्म दिया, जिसे पूरे भारत वर्ष में नाम कमाया। लांस नायक के कारण गुमला के चैनपुर का भी नाम है। आज इस भूमि को वीर भूमि का दर्जा दिया जाता है। इस वीर भूमि पर पूरे देश का गौरव है। मैं यकीन दिलाता हूँ इस क्षेत्र के जितने भी जवान हैं वे बहादुरी से ड्यूटी करेंगे। दृढ़ निश्चय से काम करेंगे एवं सफलता प्राप्त करते रहेंगे। इस समारोह के आयोजन के लिए हम आपको धन्यवाद देते हैं। उन्होंने कहा जवान जो अपने जीवन को अधिकतम समय सेना में दे रहे हैं वे भारतीय सेना का नाम बढ़ा रहे हैं मुझे गर्व है आप अपने क्षेत्र में उदाहरण बनेंगे। आपका अनुशासन, कार्रवाई देखकर जवान प्रोत्साहित हो। इस क्षेत्र के जवान ज्यादा से ज्यादा संख्या में भातीय सेना में दाखिल हो। बहादुरी दिखाने का अच्छा अवसर है मुझे खुशी है। आपलोगों ने पूरे अनुशासन के साथ यहां कार्यक्रम को सफल बनाने में अपनी सहभागिता निभाई।
कार्यक्रम में सैनिक कल्याण बोर्ड के ब्रिगेडियर बी.जी. पाठक ने स्वागत भाषण दिया। इसके पूर्व जनरल रावत को अलबर्ट एक्का काॅलेज स्थित हैलीपैड पर गार्ड आॅफ आॅनर दिया गया। तदोपरांत चैनपुर बाजार टाँड़ स्थित परमवीर अलबर्ट एक्का की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया। कार्यक्रम के दौरान 18 वीर नारियों सहित 03 दिव्यांग भूत पूर्व सैनिकों को शाॅल ओढ़ाने के साथ चेक प्रदान किया गया।
सैनिक सम्मान समारोह में ललगुटुवा महुआटोली के पूर्व आर्मी हवलदार दिलीप कुमार मिंज सड़क हादसे में घायल हो गये थे। वे सेना में डयूटी के दौरान घायल हुए। 2016 में होने के बाद से घर में है। उन्होंने कहा कि पहली बार सेनाध्यक्ष से मिलने का अवसर मिला है। यह हमारे लिए खुशी का पल है। इस पल को हम बेहतर तरीके से महसूस करना चाहते हैं। डीपाटोली बूटीमोड़ के नायाब सूबेदार ललन राय ने कहा कि वे हादसे में घायल हुए थे। सन 2000 में रिटायर हुए है आज मुझे यहां आमंत्रित किया गया है, हमारे लिए खुशी का पल है। सेना के लोग खुद मेरे घर गये थे। इसके बाद यहां लाने की व्यवस्था की है यहां मुझे सम्मान मिला है सम्मान पाकर मैं खुश हूँ। लोहरदगा जिला के डुमरी गांव निवासी पूर्व आर्मी हवलदार कमल कुजूर ने कहा कि वे 2003 में रिटायर हुए है। यहां मुझे सेनाध्यक्ष के हाथों पुरस्कत किया जायेगा। यह खुशी का पल है। गोली से घायल हुए रांची जिला के जरगा गांव निवासी फगुवा उरांव 2018 में रिटायर हुए है। पाकिस्तान से युद्ध के दौरान वे घायल हुए, उनके थाई में गोली लगी थी। उन्होंने कहा कि एक वह पल था जब पाकिस्तान को हराया और आज सेनाध्यक्ष से मिलने की खुशी है।
चीफ आॅफ आर्मी स्टाफ जनरल विपिन रावत 11.30 बजे कार्यक्रम स्थल पहुंचे, बैंड पार्टी ने किया स्वागत किया एवं ग्रामीण महिलाओं व बारवे हाई स्कूल की छात्राओं ने द्वारा सांस्कृतिक रूप से गीत व नृत्य प्रस्तुत कर स्वागत किया गया। मंच पर आते ही सेनाध्यक्ष सीधे बलमदीना एक्का से बात किये। इसके बाद वे मंच पर बैठे।