वन विभाग की अड़चन से आंजनधाम जाने वाली अधूरी सड़क है भक्‍तों की परेशानी

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गुमला: गुमला मुख्यालय से महज करीब बीस किलोमीटर दूर पर अवस्थित और कभी नक्सलियों का आश्रय क्षेत्र रह चूका आंजनधाम के आसपास के धनधोर और बिहड़ पहाड़ी इलाकों की चोटी में विश्व का एक मात्र जहां पर भगवान हनुमान जी की जन्मस्थली के रूप में विश्व विख्यात है और माता अंजनी की गोद में बालरूपी हनुमान जी की प्रतिमा स्थापित है। इसके दर्शन के लिए देश के कोने कोने से भक्तों का आवागमन होता रहा है। सरकार ने भी आंजनधाम की इस विश्वप्रसिद्ध चोटी पर पहुंचनें के लिए टोटो ग्राम से आंजनगांव होते हुए पहाड़ी की मंदीर तक आवागमन के लिए सड़क मार्ग की सुविधा उपलब्ध कराने का काम किया गया है परन्तू यहां बतातें चलें कि आंजनगांव के बाद पहाड़ी की चोटी तक का सड़क निर्माण कार्य के लिए पहाड़ी को काटा गया था पर वन विभाग से बिना एन.ओ.सी के सड़क निर्माण कार्य करने से वन विभाग द्वारा इसमें रूकावट ड़ाली गई और आज तक करीब दो से तीन किलोमीटर तक का निर्माण कार्य अधूरा रहने से आंजनधाम की पहाड़ी तक का मार्ग काफी खस्ताहाल में बचा हुआ है ।यहां बताते चले कि झारखंड़ राज्य की महामहिम द्रोपदी मुर्मू से लेकर राजबाला वर्मा से लेकर अनेकों जनप्रतीनिधीयों ने जब भी अपना दौरा इस ऐतिहासिक धार्मिक स्थल जो पर्यटन स्थलों में एक है और यदि यहां पर झारखंड़ सरकार पूरा ध्यान रखें तो यह देश के लिए एक ऐतिहासिक धरोहर के रूप में विश्वविख्यात होगा।अनेको रहस्य है इस आंजन धाम में कहा जाता है वीर हनुमान जी की जन्मस्थली है और यहां पर लंका विजय प्राप्त करने के बाद स्वयं भगवान राम लक्ष्मण जी हनुमान जी के साथ उनकी माता अंजनी से भी मिलने आए थे।

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