नई दिल्ली: सर्वोच्च न्यायालय के नए प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजन गोगोई ने बुधवार को आवश्यक मामलों की सुनवाई तत्काल करने की परंपरा को अस्थायी रूप से समाप्त कर दिया। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इसके लिए मानक तय किए जा रहे हैं। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इससे पहले न्यायमूर्ति गोगोई को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई।
एक वकील उनकी नियुक्ति को लेकर उन्हें बधाई देने पहुंचा, जिसपर प्रधान न्यायाधीश ने कहा, “चलिए आगे बढ़ते हैं। इसकी कोई जरूरत नहीं है।”
न्यायमूर्ति गोगोई ने कहा, “बुधवार और गुरुवार को मामले सूचीबद्ध नहीं होंगे। हम इसके लिए मानक पर काम कर रहे हैं।”
न्यायमूर्ति गोगोई प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा के सेवानिवृत्त होने के बाद देश के 46वें प्रधान न्यायाधीश बने हैं।