रामदेव ने कोरोना मरीज़ों-डॉक्टरों का मज़ाक उड़ाया है, आपराधिक मुकदमा दर्ज हो, IMA Vice Presedent ने किया FIR

हाल ही में सोशल मीडिया वायरल हुए एक वीडियो में योग गुरु रामदेव कहते दिख रहे थे कि चारों तरफ ऑक्सीजन ही ऑक्सीजन का भंडार है, लेकिन मरीज़ों को सांस लेना नहीं आता है और वे नकारात्मकता फैला रहे हैं कि ऑक्सीजन की कमी है। इस बारे में आईएमए के उपाध्यक्ष डॉ। नवजोत सिंह दहिया ने जालंधर पुलिस में शिकायत दर्ज कर उनके ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

कोरोना मरीजों और डॉक्टरों का मजाक उड़ाने वाली बाबा रामदेव की टिप्पणियों पर कड़ी आपत्ति जताते हुए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के उपाध्यक्ष डॉ। नवजोत सिंह दहिया ने शनिवार को बीते जालंधर पुलिस में केस दर्ज कराया और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें बाबा रामदेव कह रहे थे कि ‘चारों तरफ ऑक्सीजन ही ऑक्सीजन का भंडार है, लेकिन मरीजों को सांस लेना नहीं आता है और वे नकारात्मकता फैला रहे हैं कि ऑक्सीजन की कमी है।’

इसे लेकर दहिया ने केस दायर किया है और कहा है कि इस तरह की टिप्पणियां डॉक्टरों के लिए अपमानजनक और  मानहानिकारक हैं। बतायें कि डॉ। नवजोत सिंह दहिया उस समय सुर्खियों में आ गए थे जब उन्होंने महामारी के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा रैली करने पर उन्हें ‘सुपर स्प्रेडर’ कहा था।

आईएमए उपाध्यक्ष ने मांग की है कि कोविड-19 को लेकर प्रोपेगेंडा फैलाने के लिए रामदेव के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए। उन्होंने इस तरह की अपमानजनक और मानहानिकारक टिप्पणियां करना कोविड-19 मरीजों के इलाज के लिए जारी किए गए निर्देशों का उल्लंघन है।

रामदेव ने कहा था कि जिसका भी ऑक्सीजन स्तर गिर रहा है उसे ‘अनुलोम विलोम प्रामायाम’ और ‘कपालभाती प्राणायाम’ करना चाहिए। दहिया ने इस संदर्भ में पतंजलि योगपीठ के सीईओ आचार्य बालकृष्ण के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की है।

डॉ। दहिया, जो हड्डी रोग विशेषज्ञ हैं, ने कहा कि रामदेव ने कोरोना के संबंध में ‘गलत’ सलाह देकर आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 और महामारी रोग अधिनियम 1897 का उल्लंघन किया है और इसके तहत उन्हें दंडित किया जाना चाहिए।

आईएमए उपाध्यक्ष ने कहा कि इस तरह की टिप्पणियां करके रामदेव डॉक्टर एवं मेडिकल समुदाय को बदनाम करने की साजिश कर रहे हैं, ताकि ज्यादा लोग उनके पतंजलि योगपीठ में आएं।

उन्होंने द वायर  से कहा, ‘देश की स्वास्थ्य व्यवस्था बिल्कुल चरमरा गई है और डॉक्टरों पर काफी ज्यादा भार है। हम डॉक्टरों और एमबीबीएस छात्रों को लिए प्रार्थना कर रहे हैं, जो कि कोविड-19 मरीजों का इलाज कर रहे हैं और रामदेव उनका सहयोग करने के बजाय उनका मखौल उड़ा रहे हैं। महामारी के दौरान 900 से अधिक डॉक्टरों की मौत हो चुकी है।’

जालंधर के डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस (डीसीपी) गुरमीत सिंह ने कहा है कि उन्हें शनिवार को इस संबंध में एक शिकायत मिली है और उन्होंने जांच करना शुरू कर दिया है, जिसके बाद एफआईआर दर्ज की जाएगी।

दहिया ने दावा किया है कि यदि पुलिस एफआईआर दर्ज नहीं करती है तो वे कोर्ट केस दायर करेंगे।

बतायें कि बाबा रामदेव और उनकी पतंजलि योगपीठ पूरे कोरोना महामारी के दौरान काफी विवादों में रही है, जब उन्होंने प्रचार कर दावा किया था कि उनकी कंपनी ने कोविड-19 के इलाज की दवा खोज ली है। हालांकि आज तक इन दावों के कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं हैं।

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