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तीन तलाक विधेयक लोकसभा में पारित

नई दिल्ली: लोकसभा में गुरुवार को मुस्लिम महिला(विवाह पर अधिकारों का संरक्षण) विधेयक, 2018 पारित हो गया, जिसके अंतर्गत तत्काल तीन तलाक या तलाक-ए-इबादत को दंडनीय अपराध ठहराया गया है और इसके अंतर्गत जुर्माने के साथ तीन वर्ष की जेल की सजा का प्रावधान है। विधेयक को सितंबर में लाए गए अध्यादेश के स्थान पर लाया गया है, जिसके अंतर्गत पति द्वारा ‘तलाक’ बोलकर तलाक देने पर पाबंदी लगाई गई है। विधेयक पर चार घंटों तक चर्चा हुई, जिसमें सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच गहमा-गहमी भरी बहस भी हुई।

विधेयक पर वोट देने से पहले, कांग्रेस और अन्नाद्रमुक ने सरकार द्वारा विधेयक को संसद की संयुक्त प्रवर समिति में भेजे जाने की उनकी मांग को स्वीकार नहीं करने पर सदन से बहिर्गमन किया। 

विधेयक के अंतर्गत तत्काल तीन तलाक को दंडनीय अपराध बनाया गया है, जिसके तहत जुर्माने के साथ तीन वर्ष की सजा का प्रावधान है। यह अपराध तब सं™ोय होगा जब विवाहित मुस्लिम महिला या फिर उसका करीबी रिश्तेदार उस व्यक्ति के खिलाफ सूचना देगा, जिसने तत्काल तीन तलाक दिया है।

प्रस्तावित कानून जम्मू एवं कश्मीर को छोड़कर पूरे देश में लागू होगा।

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