नई दिल्लीः संयुक्त राष्ट्र ने पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन ‘जैश-ए-मोहम्मद’ के सरगना मसूद अजहर को बुधवार को वैश्विक आतंकवादी घोषित कर दिया। भारत के लिए इसे एक बड़ी कूटनीतिक जीत के तौर पर देखा जा रहा है। सुरक्षा परिषद की प्रतिबंध समिति के तहत उसे ‘काली सूची’ में डालने के एक प्रस्ताव पर चीन द्वारा अपनी रोक हटा लेने के बाद यह घटनाक्रम हुआ। भारत के राजदूत एवं संयुक्त राष्ट्र में स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरूद्दीन ने ट्वीट किया, ‘बड़े, छोटे, सभी एकजुट हुए। मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंध सूची में आतंकवादी घोषित किया गया है। समर्थन करने के लिए सभी का आभार।’
यह पूछे जाने पर कि क्या चीन ने अपनी रोक हटा ली है, अकबरूद्दीन ने कहा, ‘हां, चीन ने उस प्रस्ताव पर से अपनी रोक हटा ली है जिसे फ्रांस, ब्रिटेन और अमेरिका द्वारा संरा सुरक्षा परिषद की 1267 अलकायदा प्रतिबंध समिति में फरवरी में लाया गया था।’
जानिए क्या होता है ग्लोबल टेररिस्ट के साथः
किसी भी व्यक्ति को वैश्विक आतंकी घोषित करने का फैसला यूएन सुरक्षा परिषद करती है। इसमें अमेरिका, चीन, फ्रांस, ब्रिटेन और रूस स्थाई सदस्य हैं और दस अस्थाई सदस्य होते हैं। किसी को वैश्विक आतंकी घोषित करने के लिए सभी स्थाई सदस्यों की सहमति जरूरी होती है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद समिति प्रस्ताव 1267, जिसे आइएसआइएल (दाएश) और अलकायदा अनुमोदन सूची भी कहा जाता है, में उस व्यक्ति का नाम दर्ज करना होता है।
क्या होगा असर
संपत्ति जब्त- ऐसे व्यक्ति की संपत्ति जिस देश में होगी उसी देश द्वारा तुरंत जब्त की जाएगी। साथ ही यह सुनिश्चित किया जाएगा कि वैश्विक आतंकी घोषित किए गए व्यक्ति को किसी तरह की वित्तीय मदद कहीं से न मिल रही हो।
यात्रा करने पर प्रतिबंध- सभी देश ऐसे व्यक्ति का अपनी सीमाओं में प्रवेश रोकेंगे। वो जिस देश में होगा वहां उसे किसी तरह की यात्रा नहीं करने दी जाएगी।
हथियारों का प्रतिबंध- सभी देश ऐसे व्यक्ति को किसी भी तरह के हथियार मुहैया करवाए जाने पर प्रतिबंध लगाएंगे। सभी हथियारों की आपूर्ति और खरीद-फरोख्त रोकी जाएगी. इसमें छोटे हथियारों से एयरक्राफ्ट तक शामिल हैं। हथियार बनाने में काम आने वाले सामान और तकनीकी सहायता देना भी प्रतिबंधित होता है।
आपको बता दें कि 50 वर्षीय अजहर ने भारत में कई आतंकवादी हमले कराए हैं और वह संसद, पठानकोट वायुसेना स्टेशन, उरी तथा जम्मू-कश्मीर में कई अन्य जगह सैन्य शिविरों पर हमले और हाल में पुलवामा में सीआरपीएफ पर हुए आत्मघाती हमले का साजिशकर्ता है। पुलवामा में 14 फरवरी को हुए जैश के हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे। इस हमले के बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के तीन स्थायी सदस्यों अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित कराने के लिए प्रस्ताव पेश किया था। इससे पहले सुरक्षा परिषद में अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित किए जाने की कई कोशिशों को पाकिस्तान का मित्र चीन बाधित कर चुका है। पुलवामा हमले के बाद वैश्विक आक्रोश के मद्देनजर अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस को उम्मीद है कि इस बार चीन समझदारी से काम लेगा और उनके कदम को बाधित नहीं करेगा। पुलवामा हमले के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव और बढ़ गया है।