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चीन में सुन्दर गांव का अभियान

बीजिंग: सुन्दर चीन का निर्माण सुन्दर गांव के निर्माण से अलग नहीं हो सकता। इधर के सालों में चीन के विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों में मानव बस्ती वातावरण में सुधार करने पर बल दिया जा रहा है। गांवों में कचरे और प्रदूषित पानी के निपटारे वाले तरीके की खोज की जा रही है।

दक्षिण पश्चिमी चीन की सछवान प्रांत के तानलिंग कांउटी में स्थित लोंगहू गांव में रोज सुबह छह बजे से कचरे की सफाई शुरू होती है। संबंधित खास सफाई वालों के अलावा गांव में 1400 गांववासी भी कचरे की सफाई करने में सक्रिय हैं। 

गांववासी फांग लीहुआ के अनुसार, “गांववासी एक महीने में एक युआन का खर्च करते हैं, यह पैसा कचरे की सफाई करने वाले व्यक्ति के वेतन का एक भाग है। इस कदम से गांववासी अपने निवासी क्षेत्र में सफाई पर ज्यादा ध्यान देते हैं। अगर किसी ने जमीन पर कचरा फेंका, तो दूसरे लोग उसे शीघ्र ही कचरे को जमीन से उठाने को कहते हैं। इसी तरीके से गांववासियों की सक्रियता बढ़ गई है और वे खुद अपने निवासी क्षेत्र की स्वच्छता के लिए प्रयासरत हैं।”

सुन्दर गांव के निर्माण के एक विषय के रूप में ‘शौचालय क्रांति’ ग्रामीण क्षेत्रों में मानव बस्ती पर्यावरण को सुधारने की एक अहम कड़ी है। वर्तमान में चीन के अधिकांश गांववासियों के घरों में साफ पेशाबघर का प्रयोग होने लगा है। इससे गांव में पर्यावरण और स्वास्थ्य स्तर बड़े हद तक उन्नत हुआ है।

हपेई प्रांत के हानतान शहर की छीश्येन कांउटी में श्याओयिंग गांव वासी चू श्योफन ने शौचालय क्रांति की चर्चा करते हुए कहा, “पहले पुराने पेशाबघर के प्रयोग से गर्मियों में मच्छर और मक्खियां भिनभिनाती थीं, बहुत गंदा लगता था। लेकिन शौचालय क्रांति के बाद पेशाबघर में बहते पानी का प्रयोग होने लगा है। इससे स्वच्छता ही नहीं स्वास्थ्य भी लाया गया है।” 

अपूर्ण आंकड़ों के मुताबिक, गत वर्ष के अंत से इस वर्ष मई तक चीन के ग्रामीण क्षेत्रों में कुल 3 हजार टन जैविक कचरे का निपटारा किया गया। शानतोंग, पेइचिंग और छोंगछिंग आदि प्रांतों और शहरों में 90 प्रतिशत से अधिक गांवों में कचरे वाले मुद्दे का समाधान किया गया है। च्यागंसू प्रांत में 10 हजार से अधिक गांवों में जीवन से जुड़े प्रदूषित पानी के निपटारे संस्थापनों का निर्माण किया गया है।

(साभार चाइना रेडियो इंटरनेशनल, पेइचिंग)

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