रांची : झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र के अंतिम दिन गुरुवार को सदन ने पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड आंदोलन के प्रणेता स्वर्गीय शिबू सोरेन को भारत रत्न देने का प्रस्ताव ध्वनिमत से पारित कर दिया। विधानसभा से पारित यह प्रस्ताव अब औपचारिक रूप से केंद्र सरकार को भेजा जाएगा।
यह प्रस्ताव भू-राजस्व मंत्री दीपक बिरुआ ने सदन में रखा, जिसे सर्वसम्मति से मंजूरी मिली। उन्होंने कहा कि दिशोम गुरु शिबू सोरेन ने आदिवासी, मूलवासी, किसान, मजदूर और शोषित-वंचित समाज के अधिकारों की रक्षा के लिए जीवनभर संघर्ष किया। अलग राज्य की लड़ाई में उनकी भूमिका निर्णायक रही। दीपक बिरुआ ने कहा कि शिबू सोरेन केवल एक राजनीतिक नेता नहीं, बल्कि विचार और आंदोलन थे, और उन्हें भारत रत्न दिया जाना उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
प्रतिपक्ष के नेता बाबूलाल मरांडी ने प्रस्ताव का समर्थन करते हुए सुझाव दिया कि झारखंड राज्य निर्माण में जयपाल सिंह मुंडा और विनोद बिहारी महतो के योगदान को भी समान रूप से मान्यता दी जानी चाहिए और प्रस्ताव केंद्र को भेजते समय उनके नाम भी शामिल किए जाएं।
इससे पहले 22 अगस्त को कांग्रेस विधायक दल के नेता प्रदीप यादव ने भी पूरक मानसून सत्र के दौरान शिबू सोरेन को भारत रत्न देने की मांग उठाई थी। उन्होंने कहा था कि गुरुजी का योगदान समाज सुधार, आदिवासी एवं वंचित समुदाय के अधिकारों और अलग राज्य आंदोलन में अभूतपूर्व रहा है।
जनता दल यूनाइटेड के विधायक सरयू राय, आजसू पार्टी के विधायक निर्मल महतो और झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा के विधायक जयराम महतो ने भी प्रस्ताव का समर्थन किया। जयराम महतो ने सदन से यह भी आग्रह किया कि शिबू सोरेन और अन्य आंदोलनकारियों की प्रतिमा पारसनाथ की चोटी पर स्थापित की जाए।
गौरतलब है कि शिबू सोरेन का निधन 4 अगस्त को नई दिल्ली में इलाज के दौरान हुआ था। उनके निधन के बाद से ही राज्यभर में उन्हें भारत रत्न देने की मांग लगातार उठ रही है।