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राशन कार्ड के अभाव में भुखमरी के कगार पर माधुरी का परिवार, पत्रकारों की पहल पर बीडीओ ने मुहैया कराया अनाज

गिरिडीह: सरिया प्रखंड के चन्द्रमारणी गांव में लगभग 4 दशकों से किराए के मकान में रहकर मजदूरी कर जीवन-यापन करने वाली महिला माधुरी देवी अब भुखमरी के कगार पर पहुंच गई है। इनके पति बिल्टू सिंह (60) मजदूरी कर अपने परिवार का भरण पोषण करता था। परन्तु बीते कुछ दिनों से बीमारी व लाचारी के कारण काम नहीं कर पा रहा है। जिसके कारण बीते एक सप्ताह से उन्हें व उनके परिवार को भोजन भी नसीब नहीं हुआ। इस सम्बंध में माधुरी ने पत्रकारों को बताया कि उनके पति मजदूरी करने में अक्षम हो गए हैं।वहीं उनका बेटा विजय कुमार (15) बीमार है। दो अन्य छोटे बच्चे हैं।घर में अनाज के दाने नहीं हैं।भूखे पेट सोना पड़ रहा है। उसने बताया कि कुछ वर्षों पूर्व में सरकार द्वारा राशन कार्ड के माध्यम से अनाज मिलता था। लेकिन नया राशन कार्ड से उसे वंचित कर दिया गया।जिसके कारण भरपेट भोजन के लिए पूरा परिवार मोहताज है।
इस सम्बंध में प्रखंड विकास पदाधिकारी शशिभूषण वर्मा को पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि इस बारे में उन्हें जानकारी नहीं थी। उन्होंने तत्काल स्थानीय डीलर से अन्नपूर्णा योजना के तहत राशन मुहैया करवाया। वहीं बगोदर चिकित्सा प्रभारी से बातचीत कर उसके बीमार बेटे विजय के समुचित इलाज अविलम्ब करने को कहा। साथ ही बीडीओ श्री वर्मा ने कहा कि उक्त महिला के लिए तुरन्त राशन कार्ड निर्गत करवाने की पहल की जाएगी। जिससे समय पर अनाज उपलब्ध हो सके।

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