साहित्य में भी मॉब लिंचिंग का दौर चल पड़ा है : प्रेम भारद्वाज
नई दिल्ली: ‘सौंदर्य को देखकर आदमी क्रूर भी हो सकता है। आदमी दो साल की लड़की को देखकर रेप की भावना से भर सकता है। उस विकृति को पालने के लिए सौंदर्य उपासक होने की जरूरत है।’ यह टिप्पणी समालोचक … Read the rest