पीएमसी बैंक के पूर्व चेयरमैन 9 अक्टूबर तक पुलिस हिरासत में

:: न्‍यूज मेल डेस्‍क ::

मुंबई:  मुंबई की एक अदालत ने रविवार को संकटग्रस्त पंजाब एंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड (पीएमसी) के पूर्व अध्यक्ष एस. वरयाम सिंह को 9 अक्टूबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया। अधिकारियों ने इस बात की जानकारी दी। मुंबई पुलिस की इकोनॉमिक ऑफेंस विंग (ईओडब्ल्यू) ने शनिवार देर रात माहिम से सिंह को गिरफ्तार किया और रविवार को दंडाधिकारी न्यायालय के सम्मुख प्रस्तुत किया।

पुलिस ने कहा कि हाउसिंग डेवलपमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (एचडीआईएल) से संबंधित कथित रूप से 4,335 करोड़ रुपये के धोखाधड़ी मामले में उनसे पूछाताछ की जाएगी। दो हफ्ते पहले पीएमसी बैंक में सामने आई अनियमितताओं के बाद से 68 वर्षीय सिंह लापता थे। वह माहिम में छिपे थे और पुलिस ने पता लगाकर उन्हें पकड़ लिया। शनिवार को अपनी गिरफ्तारी से पहले सिंह ने ईओडब्ल्यू के डीसीपी पराग मनेरे को एक हस्ताक्षरित पत्र भेजकर कहा कि उन्होंने शाम तक ईओडब्ल्यू के सामने आत्मसमर्पण करने का फैसला किया है और वह सहयोग करने को तैयार हैं।

हालांकि, उनके अंधेरी निवास के पास तैनात पुलिस टीम नजर बनाए हुए थी और उन्होंने सिंह का पता लगाकर उन्हें गिरफ्तार कर लिया। पीएमसी बैंक मामले में यह तीसरी मुख्य गिरफ्तारी हुई है। इससे पहले लापता चल रहे प्रबंध निदेशक जॉय थॉमस को शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया गया था। गुरुवार को मामले में पुलिस ने एचडीआईएल के चयरमैन और प्रबंध निदेशक राकेश कुमार वधावन और सारंग वधावन को क्रमश: गिरफ्तार करते हुए उनकी 3,500 करोड़ की संपत्ति को जब्त कर लिया था। भांडुप शाखा में 2008 से 2019 के बीच बैंक को 4,335 करोड़ रुपये के कथित नुकसान के लिए पीएमसी बैंक और एचडीआईएल के खिलाफ पिछले सोमवार को दर्ज हुए मामले के बाद यह गिरफ्तारियां हुई।

मुंबई पुलिस ने थॉमस, सिंह, वधावनों और अन्य अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की और जांच के लिए एक विशेष जांच दल का गठन किया। 24 सितंबर को आरबीआई ने बैंक को झटका देते हुए छह महीने का प्रतिबंध लगा दिया। इसके चलते पीएमसी बैंक के नियमित कारोबार पर रोक लगा दी गई। इस फैसले के बाद जमाकर्ताओं में भारी दहशत फैल गई और त्योहारों के सीजन से पहले इसने बैंकिंग और कॉरपोरेट सर्किलों को चौंका दिया। इसके साथ ही प्र्वतन निदेशालय (ईडी) ने भी मामले में कूदते हुए मनी लॉन्ड्रिंग को लेकर अलग से जांच शुरू की और एचडीआईएल के शीर्ष अधिकारियों की विभिन्न चल संपत्तियों को जब्त करने के अलावा मुंबई के छह अलग-अलग स्थानों पर छापेमारी की।

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