पेगासस जासूसी की जांच शुरू कर रहा है फ्रांस, भारत सरकार उहापोह में

:: न्‍यूज मेल डेस्‍क ::

एक ओर जहां दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र भारत की सरकार पेगासस जासूसी मामले में अब तक उहापोह की स्थिति में है वहीं फ्रांस ने पेगासस सॉफ्टवेयर से कथित जासूसी की जांच शुरू करने का आदेश दे दिया है। गौरतलब है कि इजराइली कंपनी के इस सॉफ्टवेयर से भारत में भी 300 सत्यापित मोबाइल नंबरों की जासूसी होने का दावा किया गया है। इनमें कांग्रेस नेता राहुल गांधी, चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर समेत कई बड़े नेताओं, 40 पत्रकारों, शीर्ष अदालत के न्यायाधीश और अन्य लोगों के नंबर शामिल बताए जा रहे हैं। 

फ्रांसीसी अभियोजकों ने मंगलवार को घोषणा की कि उन्होंने देश में पत्रकारों को निशाना बनाने के लिए पेगासस स्पाइवेयर के इस्तेमाल के आरोपों की जांच शुरू की है।

राजनेताओं, पत्रकारों और अन्य लोगों की जासूसी करने के लिए कई देशों में पेगासस स्पाइवेयर के उपयोग पर मीडिया आउटलेट्स द्वारा रिपोर्टिंग शुरू करने के बाद यह घोषित होने वाली यह पहली जांच है।

समाचार एजेंसी एएफपी ने बताया कि जांच में मोरक्को की खुफिया एजेंसियों द्वारा फ्रांसीसी पत्रकारों की जासूसी करने के लिए पेगासस स्पाइवेयर के इस्तेमाल पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।

यूरो न्यूज ने फ्रांसीसी न्याय मंत्रालय की रिपोर्ट में कहा कि पेरिस अभियोजक का कार्यालय "धोखाधड़ी", "डेटा की धोखाधड़ी प्रविष्टि", "गोपनीयता पर आक्रमण" सहित कई आरोपों की एक स्ट्रिंग की जांच करेगा। यूरो न्यूज ने बताया, "जांच का जिम्मा फ्रांस के सेंट्रल ऑफिस फॉर कॉम्बैटिंग टेक्नोलॉजी-रिलेटेड क्राइम ऑफ इंफॉर्मेशन एंड कम्युनिकेशन (OCLCTIC), न्यायिक पुलिस की एक शाखा को सौंपा गया है।"

पेगासस के खुलासे में इसके पत्रकारों के नाम सामने आने के बाद फ्रांसीसी मीडिया आउटलेट मीडियापार्ट ने सोमवार को शिकायत दर्ज कराई। फ्रांसीसी अखबार ले कैनार्ड एनचाइन के भी इस मुद्दे पर अधिकारियों से संपर्क करने की उम्मीद है।

मीडियापार्ट ने सोमवार को खुलासा किया कि उसके सह-संस्थापक और प्रकाशन संपादक एडवी प्लेनेल और रिपोर्टर लेनॉग ब्रेडौक्स के फोन नंबर मोरक्को की एजेंसियों द्वारा लक्षित थे। "विश्लेषण से पता चला है कि उनके फोन 2019 और 2020 में मोरक्को के एजेंटों द्वारा स्पाइवेयर से लक्षित थे।"

रिपोर्टों के अनुसार, मोरक्को की एजेंसियों ने कथित तौर पर पेगासस का इस्तेमाल 30 पत्रकारों और मीडिया अधिकारियों सहित 1,000 फ्रांसीसी नागरिकों को लक्षित करने के लिए किया था। लक्षित पत्रकारों में ले मोंडे, ले फिगारो, एएफपी और फ्रांस टेलीविजन के कर्मचारी शामिल हैं। बतायें कि 50,000 टेलीफ़ोन नंबरों के लीक हुए वैश्विक डेटाबेस सबसे पहले फ़ॉरबिडन स्टोरीज़ और एमनेस्टी इंटरनेशनल को मिले जिसे उन्होंने दुनिया भर के 16 मीडिया संस्थानों के साथ साझा किया।
 

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