देश का नया नक्‍शा जारी कर पीओके के चार इलाकों को जम्‍मू कश्‍मीर और लद्दाख में शामिल किया भारत सरकार ने

:: न्‍यूज मेल डेस्‍क ::

नवगठित केंद्र शासित राज्य जम्मू कश्मीर और लद्दाख को मद्देनजर गृह मंत्रालय ने देश का नया राजनीतिक नक्‍शा जारी किया है। जम्मू कश्मीर में पीओके के मीरपुर व मुजफ्फराबाद और लद्दाख में गिलगित और गिलगित वजारत को शामिल किया गया है। राजपत्रित आदेश में गृह मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि आजादी के वक्त  1947 वाले जम्मू कश्मीर की भौगोलिक स्थिति के आधार पर इन राज्यों का बंटवारा किया गया है।

सर्वे जनरल ऑफ इंडिया ने नक्शों में राष्ट्रपति कोविंद द्वारा जारी जम्मू कश्मीर पुनर्गठन कानून 2019 के आधार पर केंद्र शासित लेह में पूर्ववर्ती जम्मू कश्मीर राज्य के लेह और कारगिल जिलों को शामिल किया है। वहीं शेष हिस्से को केंद्र शासित जम्मू कश्मीर में रखा है। इसके तहत गिलिगत, गिलगित वजारत, चिल्हास जनजातीय क्षेत्र लेह जिले का हिस्सा हैं। कारगिल लद्दाख का दूसरा जिला है। वहीं जम्मू कश्मीर में पीओके के मीरपुर और मुजफ्फराबाद जिलों को शामिल किया गया है।

लद्दाख देश का सबसे बड़ा जिला: दो जिले लेह और कारगिल वाला केंद्र शासित राज्य लद्दाख क्षेत्रफल में जम्मू-कश्मीर से बड़ा होगा। वहीं इसका जिला लेह क्षेत्रफल की दृष्टि से पूरे देश का सबसे बड़ा जिला होगा। इसके अलावा कुपवाड़ा, बांदीपोरा, बारामुला, पुंछ, बडगाम, शोपियां, कुलगाम, किश्तवाड़, उधमपुर, डोडा, सांबा, जम्मू, कठुआ, रामबन, राजौरी, अनंतनाग, पुलवामा, श्रीनगर, रियासी और गंडेरबल को जम्मू कश्मीर में रखा गया है। 

गृह मंत्रालय के मुताबिक 1947 के वक्त वाले भूतपूर्व जम्मू-कश्मीर राज्य में 14 जिले थे। यह जिले कठुआ, जम्मू, उधमपुर, रियासी, अनंतनाग, बारामूला, पुंछ, मीरपुर, मुजफ्फराबाद, लेह और लद्दाख, गिलगित, गिलगित वजारत, चिल्हास और जनजातीय क्षेत्र।

वहीं आजादी के बाद से 2019 तक आते आते पूर्ववर्ती जम्मू कश्मीर की सरकारों ने राज्य में 14 नए जिले बना दिए जिससे कुल जिलों की संख्या 28 हो गई। ये 14 नए जिले थे कुपवाड़ा, बांदीपोरा, गंडेरबल, श्रीनगर, बडगाम, पुलवामा, शोपियां, कुलगाम, राजौरी, रामबन, डोडा, किश्तवाड़ , सांबा और कारगिल। इनमें कारगिल को लेह लद्दाख जिले से काट दिया गया था। 

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