अनुभव आगे, युवा पीछे : कांग्रेस की 2019 की रणनीति?

नई दिल्ली: राजस्थान और मध्य प्रदेश में सत्ता की चाबी अशोक गहलोत और कमलनाथ के हाथों में थमा दी गई है, दोनों ही पार्टी के अनुभवी और वरिष्ठ नेता हैं। गांधी परिवार के विश्वासपात्र हैं, लेकिन एक सवाल जो अभी भी दिमाग में कौंध रहा है कि युवाओं को तरजीह देने वाले राहुल गांधी ने इन पदों के लिए दौड़ में शामिल युवा चेहरों- सचिन पायलट और ज्योतिरादित्य सिंधिया को मौका क्यों नहीं दिया? 

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रफाल सौदा : कुछ तो पर्दादारी है!

Approved by Srinivas on Sat, 12/15/2018 - 21:25

भ्रष्टाचार से सम्बद्ध किसी विवादित मामले में यह संभवतः पहला मौका है, जब सुप्रीम की कथित क्लीन चिट के बाद मामला और उलझा हुआ और संदिग्ध नजर आने लगा है; और सरकार कुछ छुपाने का प्रयास करती नजर आने लगी है. विपक्ष के आरोपों को फिलहाल रहने देते हैं.

आज (15 दिसंबर) के एक अखबार में रफाल सौदे से जुड़ी खबर की हेडिंग है : रफाल डील पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला- कैग ने ऑडिट किया, पीएसी ने रिपोर्ट जांची; डील पर संदेह नहीं.

और आज की खबर है कि केंद्र सरकार ने इसी मामले में सुप्रीम कोर्ट में, कल (14 दिसंबर) के उसके फैसले में ‘तथ्यात्मक सुधार’ के लिए एक याचिका दायर की है!

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Strides by India Islamic Cultural Centre (IICC)

India Islamic Cultural Centre (IICC), visualized, conceptualized and founded by the then Vice President and former Chief Justice of India, Justice Mohammed Hidayatullah in 1980 on the occasion of celebrations of completion of 14 00 years (Hijri) of the advent of Islam, and its founder president the great Abdul Hakim, one of the builders of modern India, has made strides since 2004 under the continuing stewardship of  its current president Sirajuddin Quraishi. For the first time, IICC has become profitable with over rupees six crore.

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नोटबंदी ने राजनीतिक, आर्थिक उलझनें पैदा की : अरविंद सुबह्मण्यम

नई दिल्ली: देश के पूर्व आर्थिक सलाहकार अरविंद सुबह्मण्यम ने नोटबंदी और जीडीपी के आंकड़ों में संबंध स्थापित करते हुए कहा है कि नोटबंदी के कारण पैदा हुई उलझन के दोहरे पक्ष रहे हैं। क्या जीडीपी के आंकड़ों पर दिखे इसके प्रभाव ने एक लचीली अर्थव्यवस्था को प्रतिबिंबित किया है, और क्या वृद्धि दर के आंकड़ों ने आधिकारिक डेटा संग्रह प्रक्रिया पर सवाल खड़ा किए हैं। 

सुबह्मण्यम इस समय हार्वर्ड केरेडी स्कूल में पढ़ा रहे हैं। वह यहां पेंगुइन द्वारा प्रकाशित अपनी पुस्तक 'ऑफ काउंसिल : द चैलेंजेस ऑफ द मोदी-जेटली इकॉनॉमी' के विमोचन समारोह में हिस्सा लेने आए थे। 

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‘छह दिसंबर’ को कैसे याद करें?

Approved by Srinivas on Thu, 12/06/2018 - 15:24

एक सवाल है कि क्या संघ जमात ने जानबूझ कर उस शौर्य कर्म के लिए वह तारीख चुनी थी? या कि तब तक इनके लिए डॉ आंबेडकर का कोई महत्त्व ही नहीं था, जिस कारण इनके लिए छह दिसंबर भी एक आम दिन था. यह तो स्पष्ट ही है कि आज डॉ आंबेडकर के प्रति इनका जो प्रेम और सम्मान उमड़ने लगा है, उसके पीछे दलित वोट का लोभ ही मूल कारण है. वैसे यही बात अन्य दलों के सन्दर्भ में भी सच है.

०६ दिसंबर : आज का दिन भारत के आधुनिक इतिहास में दो कारणों से महत्वपूर्ण है. एक का उल्लेख माननीय प्रधानमंत्री श्री मोदी ने संविधान दिवस (26 दिसंबर) की पूर्व संध्या पर विगत 25 नवम्बर को अपने मासिक ‘मन की बात’ में किया था. भातीय संविधान के निर्माण में बाबा साहेब डॉ भीमराव आंबेडकर सहित अन्य नेताओं की भूमिका का उल्लेख करते हुए याद दिलाया कि छह दिसंबर को डॉ आंबेडकर का महानिर्माण दिवस है. गौरतलब है कि उसी दिन (25 नवम्बर को) उनके संगी-साथी अयोध्या में ‘धर्म सभा’ का आयोजन कर रहे थे. पता नहीं घोषित उद्देश्य क्या था, पर उनका मूल मकसद क्या था, यह कोई रहस्य नहीं है,

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कांग्रेस की गलती की वजह से करतारपुर पाकिस्तान में : मोदी

"जब 1947 में भारत को आजादी मिली, जब यहां विभाजन हुआ, तब गद्दी हथियाने की इस तरह की जल्दबाजी थी कि वे नहीं देख सके कि धर्म के आधार पर किए गए विभाजन में, जिसमें मुस्लिम एक नया देश चाहते थे.. और इस तरह की गलतियां कर बैठे कि गुरु नानक देव की शिक्षाओं और उनके अंतिम समय का स्थान पाकिस्तान में चला गया।"

हनुमानगढ़(राजस्थान): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कांग्रेस पर करतारपुर साहिब को पाकिस्तान में जाने देने की 'गलती' करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए हुआ, क्योंकि कांग्रेस आजादी के बाद 'सत्ता की छीना-झपटी' में व्यस्त थी। उन्होंने यहां एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, "पार्टी ने इस पवित्र स्थान के साथ जुड़ी लाखों सिखों की भावनाओं को नजरअंदाज किया।"

मोदी ने कहा कि देश में शासन करने के 70 वर्षो के दौरान भी कांग्रेस करतारपुर में सिखों के मत्था टेकने का प्रबंध नहीं कर पाई।

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Muslims continue to reel in abject poverty, finds official surveys!

Poor achievement at higher levels of education is partly a reflection of similarly low levels of school education or illiteracy. Surveys reveal around half the Muslim population over 15 years is either illiterate or has only primary or middle level education.

Two NSSO (National Sample Survey Organisation) surveys, 68th round and 71st round of the Union Government, on economic and educational indicators for various religious groups of India reveal that Muslims continue to face vicious circle of poverty with no light beyond the tunnel. NSSO (68th  round) survey provides estimates of education levels and job market indicators across major religious communities. NSSO survey (71st round) takes note of levels of education in all religious groups in the country.

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कमलनाथ के भीतरी कमरे का विभीषण कौन!

भोपाल: मध्य प्रदेश की सियासत को इन दिनों कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ के कथित वीडियो ने गर्मा दिया है। ये वीडियो उस कक्ष के हैं, जहां आम आदमी आसानी से और प्रदेशाध्यक्ष के सिपहसालारों की अनुमति के बगैर नहीं पहुंच सकता हैं। सवाल है कि आखिर कमलनाथ का विभीषण कौन है, जो वीडियो बना-बनाकर सार्वजनिक करने में लगा है। 

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2 लाख मतदाताओं वाली छत्तीसगढ़ विधानसभा में 35,000 नामों का सूची से गायब होना क्या महज़ इत्तेफाक है?

Approved by ..Courtesy on Wed, 11/21/2018 - 22:14

राजधानी रायपुर के बाद बिलासपुर विधानसभा को ही प्रदेश की सबसे महत्वपूर्ण सीट माना जाता है. यहां लगभग 2 लाख मतदाता हैं. जीत-हार का अनुमान लगाने निकलने पर जिस भी गली से हम गुज़रे, वहां दस में से आठ ने कहा कि पिछले 15 वर्षों से सत्तापक्ष की तरफ़ से विधायक रहे व्यक्ति ने शहर की हालत बिगाड़ रखी है, कुछ भी हो जाए उसे (बीजेपी) वोट नहीं देंगे. उसका हारना तय सा लग रहा होता है, फिर एक खेल हो जाता है...ऐन मतदान के दिन शहर के 35000 लोगों को मालूम चलता है कि वोटर लिस्ट से उनका नाम ही हटा दिया गया है. यानि सत्ता के विरोध में पड़ने वाले 35 हज़ार (17.5 प्रतिशत) वोट एक झटके में बेकार हो गए.

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