भारत के सिखों का आरोप- RSS द्वारा हिन्‍दू राष्‍ट्र बनाने की कुचेष्‍टा

:: न्‍यूज मेल डेस्‍क ::

भारत का सिख समाज मानता है कि RSS द्वारा देश को हिन्‍दू राष्‍ट्र बनाने की कुचेष्‍टा हो रही है। धार्मिक अल्‍पसंख्‍यकों पर जुल्‍म ढाये जा रहे हैं। अल्पसंख्यकों की धार्मिक आज़ादी का दमन किया जा रहा है। यह मानना है गुरुद्वारों का संचालन करने वाली सबसे बड़ी संस्था शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) का। SGPC ने एक प्रस्ताव पारित कर भारत में अल्पसंख्यकों को प्रताड़ित करने और देश को ‘हिंदू राष्ट्र’ बनाने के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के कथित कदम की निंदा की है। साथ ही उसने एक प्रस्‍ताव पारित करते हुए मांग की है कि केंद्र सरकार ‘RSS के उद्देश्यों’ को पूरा करने की बजाय सभी धर्मों के अधिकारों की सुरक्षा को सुनिश्चित करे। प्रस्ताव में कहा गया कि अल्पसंख्यकों को दबाने वालों को सजा दी जानी चाहिए।

प्रस्ताव में कहा गया है, ‘भारत एक बहु-धार्मिक, बहुभाषी और बहु-जातीय देश है। प्रत्येक धर्म ने इसकी स्वतंत्रता में, विशेषकर सिख समुदाय ने (जिन्होंने 80 प्रतिशत से अधिक बलिदान किए हैं) ने महान योगदान दिया है। लेकिन दुख की बात है कि लंबे समय से देश को हिंदू राष्ट्र बनाने के RSS के कदम के मद्देनजर अन्य धर्मों की धार्मिक स्वतंत्रता को दबा दिया गया है। प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष हस्तक्षेप के जरिये अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जा रहा है।’ यह प्रस्‍ताव SGPC द्वारा उनके वार्षिक बजट सत्र में 30 मार्च को पारित किया गया। प्रस्‍ताव पेश किया था स्‍वयं SGPC की अध्‍यक्ष बीबी जागीर कौर ने। यह प्रस्‍ताव ऐसे समय में आया है जब देश भर किसान दिल्‍ली की सीमाओं पर आंदोलन कर रहे हैं जिसमें सिखों की महती भूमिका स्‍पष्‍ट दिखती है।

इधर 'द वायर' की एक रिपोर्ट के अनुसार SGPC  की उस बैठक में एक सिख जत्थे को पाकिस्तान के ननकाना साहिब जाने से रोकने को लेकर कड़ी आलोचना की गई। कहा गया है कि भारत सरकार ने हूबहू ब्रिटिश और मुगलों जैसा कदम उठा रही है, उन्हें सिख समुदाय से माफी मांगना चाहिए।

बैठक में तीनों कृषि बिल को देश के किसानों की बर्बादी का फरमान बताते हुए उसे तत्‍काल वापस लेने की मांग की गई।

एक अन्य प्रस्ताव में एसजीपीसी ने नवरीत सिंह के निधन की भी निंदा की है, जिनकी 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली के दौरान मौत हो गई थी। उन्होंने इसे लेकर एक निष्पक्ष जांच और जेल में बंद अन्य किसानों को तत्काल रिहा करने की मांग की है।

इसके अलावा संगठन ने संयुक्त राष्ट्र से 2021 को अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार वर्ष घोषित करने की मांग की गई है। इसी साल एक मई 2021 को गुरु तेग बहादुर की 400वीं जन्म शताब्दी वर्ष मनाया जाएगा।

उन्होंने अपने प्रस्ताव में कहा कि हिंदू धर्म के सिद्धांतों से असहमति होने के बावजूद गुरु तेग बहादुर ने जबरदस्ती धर्म परिवर्तन का विरोध किया था और शहीद हो गए। इसके साथ ही उन्होंने गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब कॉरिडोर को भी खोलने की मांग की है।

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