हाथरस (युपी): यहां युवती के साथ सामूहिक बलात्कार और मौत के मामले में वहां की पुलिस का अमानवीय चेहरा और भी उजागर हो रहा है। आरोप लग रहा है कि पुलिस ने घरवालों कोशव नहीं दिया, न ही बच्ची को अंतिम बार उसके घर ले जाया गया। दिल्ली से लाकर सीधे आधी रात को उसका दाह संस्कार कर दिया गया। लड़की के भाई ने बुधवार तड़के पत्रकारों से बात करते हुए बताया, 'हम लोगों ने पुलिस से बहुत कहा कि शव हमें दें। हम उसका सुबह दाह संस्कार करेंगे लेकिन पुलिस ने हमारी नहीं सुनी। हम लोगों से जबरन सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करवाए और आधी रात को शव जला दिया। हम लोगों को पुलिस पर विश्वास नहीं है। हम लोगों की जान को भी खतरा है।'
दरिंदगी की शिकार हाथरस की युवती की मौत पर अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी संज्ञान ले लिया। उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को फोन किया और इस मामले में दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया। प्रधानमंत्री की पहल की जानकारी खुद सीएम योगी आदित्यनाथ ने ही दी। उन्होंने ट्वीट कर कहा, 'आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने हाथरस की घटना पर वार्ता की है और कहा है कि दोषियों के विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई की जाए।'
योगी सरकार ने किया SIT का गठन
दरअसल, दुष्कर्म पीड़िता ने मंगलवार को दिल्ली के एम्स में दम तोड़ दिया था। वहां से उसका शव रात को हाथरस पहुंचा। कहा जा रहा है कि यूपी पुलिस ने परिजनों पर दबाव डालकर शव का रात में ही अंतिम संस्कार करवा दिया। मामले में यूपी पुलिस पर हीला-हवाली का रवैया अपनाने का आरोप पहले से ही लग रहा था। अब इस घटना से पुलिस के साथ-साथ योगी सरकार की किरकिरी तो हो ही रही है, कहीं न कहीं बीजेपी पर भी दलतिविरोधी होने का आरोप लग रहा है। इससे दबाव में आए योगी सरकार ने मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित कर दी और अब खुद पीएम ने योगी से बात की है।
एक सप्ताह में मांगी रिपोर्ट
गृह सचिव भगवान स्वरूप की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय एसआईटी में डीआईजी चंद्र प्रकाश और आगरा पीएसी की सेनानायक पूनम सदस्य होंगे। सीएम ने एसआईटी को घटना की तह तक जाने और सात दिन में अपनी जांच रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए हैं। सीएम ने बताया कि घटना में शामिल चारों आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया गया है। सीएम ने इनके खिलाफ फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमा चलाने और जल्द से जल्द सजा दिलाने के लिए कहा है।