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टाटा दे रही है 1898 आदिवासी बालाओं को रोजगार, अर्जुन मुन्‍डा ने हरी झंडी दिखाई

रांची:  टाटा समूह की कंपनी टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी ने ह्यूमन ट्रैफिकिंग के लिए बदनाम झारखंड के खूंटी, सरायकेला-खरसावां, सिमडेगा और पश्चिम सिंहभूम जिले में स्पेशल रिक्रूटमेंट कैंप लगाकर 1898 लड़कियों को रोजगार देने का निर्णय लिया है। पहले बैच में चुनी गई 822 लड़कियों को मंगलवार को स्पेशल ट्रेन से रांची के हटिया स्टेशन से तमिलनाडु के हुसूर के लिए रवाना किया गया। केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा ने इस स्पेशल ट्रेन को हरी झंडी दिखाई।
केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने टाटा समूह के उच्चाधिकारियों से इन जिलों में इंटर पास युवतियों को स्किल डेवलपमेंट और रोजगार कैंप लगाने का आग्रह किया था। इसके बाद कंपनी की ओर से जनजातीय कार्य मंत्रालय के सहयोग से रोजगार भर्ती कैंप लगाया गया था। चुनी गई युवतियों को एक साल की ट्रेनिंग दी जाएगी। ट्रेनिंग के दौरान उन्हें कंपनी द्वारा आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। इसके साथ ही उन्हें रोजगार भी उपलब्ध कराया जायेगा।

इस अवसर पर हटिया स्टेशन के प्रतीक्षालय में आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि जनजातीय क्षेत्र की युवतियों को रोजगार मिलने से इलाके की पहचान बदलेगी। सबका साथ, सबका विश्वास के साथ जनजातीय कार्य मंत्रालय के प्रयासों की बदौलत रोजगार के नए अवसर इनकी प्रतीक्षा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि रोजगार भर्ती अभियान में चयनित सभी लोग लनिर्ंग-अनिर्ंग के साथ-साथ आगे की उच्च शिक्षा भी प्राप्त कर सकेंगे।

मुंडा ने सभी चयनित उम्मीदवारों से अपील करते हुए कहा कि आप वहां से प्रशिक्षण पाकर दक्ष बनें और झारखंड में भी ऐसे हुसूर जैसे कैंपस का निर्माण कर यहां की प्रतिभाओं को मौका दें।

केंद्रीय जनजातीय मामलों के विशेष सचिव नवलजीत कपूर ने कहा कि झारखंड की चार हजार लड़कियों को रोजगार देने का लक्ष्य तय किया किया है। झारखंड के अन्य जिलों में भी जल्द ही ऐसे कैंप लगाये जायेंगे।

इस मौके पर रांची के विधायक सी पी सिंह, हटिया के विधायक नवीन जायसवाल, तोरपा विधायक कोचे मुंडा, दक्षिण पूर्व रेलवे रांची मंडल के मुख्य परियोजना प्रबंधक (गति शक्ति) सतीश कुमार भी उपस्थित रहे।

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