लिव-इन को लेकर यूसीसी के नियम, लेना होगा पंडित-मौलवी से सर्टिफिकेट

उत्तराखंड: उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड यानी यूसीसी लागू हो चुका है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 27 जनवरी को यूसीसी की नियमावली और पोर्टल लॉन्च कर दिया है। लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है लिव-इन रिलेशनशिप से जुड़े नए नियमों की।

उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड यानी की यूसीसी लागू कर दिया गया है। यूसीसी लागू करने के साथ ही उत्तराखंड स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद ऐसा करने वाला पहला राज्य बन गया। इसके लागू होने से राज्‍य में कई नियमों में बदलाव हुआ। जिनको लेकर काफी चर्चा हो रही है। उनमें से एक लिव-इन रिलेशनशिप है। अब उत्तराखंड में शादी के साथ-साथ लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाले कपल्स को भी अपना रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है। उत्तराखंड की धामी सरकार ने यूसीसी को लेकर जो नियम बनाए हैं उनमें लिव-इन के रजिस्ट्रेशन के लिए कपल्स को 16 पेज का फॉर्म भरना होगा। इसके अलावा किसी पुजारी से एक प्रमाण पत्र भी लेना होगा जिसमें लिखा होगा कि प्रेमी जोड़ा अगर चाहे तो विवाह करने के योग्य है। अगर कोई कपल लिवइन का रजिस्ट्रेशन नहीं कराता है तो उसे 6 महीने की जेल भी हो सकती है। उत्तराखंड में यूसीसी के नियम वहां से मूल निवासियों के अलावा वहां किसी अन्य राज्य के रहने वाले लोगों पर भी लागू होंगे।

बता दें कि लिव-इन के लिए रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीके से किया जा सकता है। इसमें आपको यह भी बताना होगा कि आप पहले से ही लिव-इन रिलेशनशिप में हैं या लिव-इन रिलेशनशिप में जाने का इरादा रखते हैं। इसके साथ ही कपल को अपने पिछले रिलेशन की भी जानकारी देनी होगी।

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