मध्य प्रदेश के इंदौर में चार मुस्लिम युवकों को गिरफ्तार किया गया है। आरोप है कि इन चारों मुस्लिम युवकों ने गरबा नृत्य में हिस्सा लिया था। बताया जा रहा है कि बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने इन मुस्लिम युवकों के गरबा नृत्य में हिस्सा लेने की शिकायत की थी जिसके बाद पुलिस ने उन्हें वहां से गिरफ्तार किया था। मंगलवार को इस गिरफ्तारी के बाद उनके परिवार के सदस्यों ने कहा कि जिस कॉलेज की तरफ से गरबा नृत्य का आयोजन किया गया था यह लड़के उसी के छात्र थे और इवेंट के दौरान वॉलेन्टियर्स के तौर पर शामिल थे।
इसके बाद सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट पराग जैन ने अदनान शाह, मोहम्मद उमर, अब्दुल कादिर और सैयद शाकिब को छोड़े जाने का आदेश दिया। इन सभी से 50,000-50,000 रुपए का बॉन्ड भरवाया गया। यहां आपको बता दें कि इन चारों युवकों को रविवार को गिरफ्तार किया गया था। गांधीनगर में स्थित कॉलेज के कैंपस से इन छात्रों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था।
अदनान हामिद के पिता अब्दुल हामिद शाह ने न्यूज एजेंसी 'PTI' से बातचीत में कहा कि उनका बेटा बीकॉम द्वितीय वर्ष का छात्र था। अदनान के पिता के मुताबिक उनका बेटा एक वॉलेन्टियर के तौर पर वहां था और वो वहां पर कार्यक्रम में लाइट और साउंड सिस्टम देख रहा था।
कॉलेज से मिले बेटे के आईकार्ड को दिखाते हुए उन्होंने कहा कि आखिर किस आधार पर मेरे बेटे को जेल भेजा गया। हमें ऐसा लगता है कि यह राजनीतिक दबाव की वजह से किया गया है।
अदनान के बड़े भाई अब्दुल अलीम ने कहा वो सिर्फ गरबा के आयोजन को हैंडल कर रहा था। हालांकि, इस पूरे मामले पर सहायक पुलिस निरीक्षक प्रशांत चौबे ने कहा कि कार्यक्रम के दौरान इन लोगों का कुछ अन्य लोगों से झगड़ा हुआ था जिसके बाद सावधानी बरतते हुए इन लोगों को गिरफ्तार किया गया था और इनपर सीआरपीसी की धारा 151 लगाई गई थी।
प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि बजरंग दल के कार्यकर्ताओें ने कार्यक्रम में मुस्लिम समुदाय के लोगों की उपस्थिति को लेकर पहले हंगामा किया। जिसके बाद पुलिस इन चारों छात्रों को थाने में ले गई। बजरंग दल के स्थानीय को-ऑर्डिनेटर तरुण देवदा ने गांधी नगर पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कराया गया था। उनका आरोप था कि जिला प्रशासन ने सिर्फ 800 लोगों को बुलाने की अनुमति दी थी। लेकिन इन लोगों ने इसे कमर्शियल इवेंट बनाया और कार्यक्रम के टिकट भी बेचे। कार्यक्रम में 2000-3000 लोग मौजूद थे।
देवदा का यह भी दावा है कि बड़ी संख्या में मुस्लिम युवाओं को गरबा कार्यक्रम में बुला कर कॉलेज प्रशासन उन्हें इस बात के लिए उत्साहित कर रहा था कि वो इस पवित्र त्योहार में हिस्सा लें।