Trending

pegassus_spyware

पेगासस केस में केंद्र सरकार को झटका! जवाब न मिलने पर SC ने बना दी जांच कमेटी

नई दिल्ली: पेगासस जासूसी मामले में जांच की मांग करने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को फैसला सुनाते हुए कहा कि इस मामले में केंद्र द्वारा कोई विशेष खंडन नहीं किया गया। इस प्रकार हमारे पास याचिकाकर्ता की दलीलों को प्रथम दृष्टया स्वीकार करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है, हम एक विशेषज्ञ समिति नियुक्त करते हैं जिसका कार्य सर्वोच्च न्यायालय द्वारा देखा जाएगा।

बता दें कि इससे पहले 23 सितंबर को चीफ जस्टिस ने ओपन कोर्ट में इस्राइल के पेगासस स्पाइवेयर से नागरिकों खासकर विपक्षी दल के नेताओं, पत्रकारों, कार्यकर्ताओं आदि पर जासूसी करने के आरोपों की जांच को लेकर एक तकनीकी समिति गठित करने के संकेत दिए थे। वहीं 27 अक्टूबर को इस मामले में अपना फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने तीन सदस्यीय कमेटी गठित करने का निर्देश दिया है।

प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण, न्यायमूर्ति सूर्य कांत और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने सुनवाई के दौरान कहा कि इस तीन सदस्यीय समिति की अगुवाई शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश आर वी रवींद्रन करेंगे और अन्य सदस्यों में आलोक जोशी और संदीप ओबेरॉय होंगे। उच्चतम न्यायालय ने विशेषज्ञों के पैनल से जल्द रिपोर्ट तैयार करने को कहा। साथ ही इस मामले में आगे की सुनवाई आठ सप्ताह बाद के लिए सूचीबद्ध की।

पीठ ने कहा कि याचिकाओं में निजता के अधिकार, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के उल्लंघन जैसे आरोप लगाए गए हैं, जिनकी जांच करने की जरूरत है।जिसपर केन्द्र सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए मामले पर विस्तृत हलफनामा दाखिल करने से इनकार कर दिया था। इसको लेकर सर्वोच्च अदालत ने कहा है कि पेगासस मामले में केंद्र सरकार की तरफ से कोई साफ स्टैंड नहीं था। ऐसे में निजता के उल्लंघन की जांच होनी चहिए।

Scroll to Top