नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव में परचम लहराने के बाद अब भाजपा में नए मुख्यमंत्री के चयन की कवायद तेज हो गई है। इसी कड़ी में पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने रविवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की।
भाजपा ने दिल्ली के विधानसभा चुनाव में हर क्षेत्र और हर समुदाय के बीच अच्छी बढ़त हासिल की है। इसलिए, उसके पास मुख्यमंत्री पद के संभावित उम्मीदवारों की एक बड़ी सूची है।
विभिन्न राज्यों में अपने मुख्यमंत्रियों को चुनने में पार्टी के विकल्पों को अक्सर बड़े राजनीतिक संदेश के रूप में देखा जाता है। ऐसे में राजनीतिक जानकारों का मानना है कि दिल्ली भी कोई अपवाद नहीं होगा।
इन नेताओं के नाम सबसे आगे?
आम आदमी पार्टी (आप) के प्रमुख अरविंद केजरीवाल को हराने वाले जाट समुदाय के नेता प्रवेश वर्मा का नाम चर्चा में है। इसके अलावा सतीश उपाध्याय, विजेंद्र गुप्ता, आशीष सूद और पवन शर्मा जैसे संगठन के अनुभवी नेताओं के नाम की भी चर्चा है। लेकिन, यहां समझने वाली बात यह है कि भाजपा हमेशा चौंकाने वाले निर्णय लेने के लिए जानी जाती है। वह कम चर्चित नेताओं को भी आगे बढ़ाती रही है।
दिल्ली की अगली सीएम कोई महिला होगी?
भाजपा के एक नेता ने कहा कि पार्टी का शीर्ष नेतृत्व राजनीतिक समीकरणों के आधार पर पूर्वांचल की पृष्ठभूमि वाले किसी व्यक्ति के नाम पर विचार कर सकता है। यही नहीं, वह सिख समुदाय से आने वाले नेता पर भी विचार कर सकता है। आवश्यकता हुई तो शीर्ष नेतृत्व किसी महिला के नाम को आगे बढ़ा सकता है।
अन्य राज्यों जैसे चौंकाने वाले नाम आएंगे सामने?
मध्य प्रदेश, राजस्थान और ओडिशा को लेकर पार्टी ने जो निर्णय लिए, वो किसी से छिपे नहीं हैं। ऐसे में पिछले अनुभव को देखते हुए इस मामले में अटकलों के लिए बहुत कम गुंजाइश बचती है।
भाजपा ने मध्य प्रदेश में मोहन यादव, राजस्थान में भजनलाल शर्मा और ओडिशा में मोहन चरण माझी को चुना। इससे राजनीतिक विश्लेषक हैरान रह गए थे। भाजपा की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा है कि मुख्यमंत्री पर फैसला पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व लेगा।
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