डिजिटल अरेस्ट से ठगी, 300 करोड़ का ट्रांजेक्शन, दुबई-चीन से जुड़े हैं तार, ‘सूरत मॉड्यूल’ का खुलासा

Digital Arrest Fraud: साइबर अपराध शाखा ने करोड़ों रुपये की ठगी करने वाले एक बड़े डिजिटल अरेस्ट गिरोह का खुलासा किया है। इस गिरोह के तार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैले हुए हैं। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि गिरोह का मुख्य आरोपी दुबई में रहता है और वह चीन स्थित साइबर गिरोह के साथ मिलकर काम कर रहा है। हालांकि अभी सिर्फ सूरत मॉड्यूल का खुलासा हुआ है।

54 लाख की धोखाधड़ी मामले में गिरोह का हुआ खुलासा
मामले में अहमदाबाद के ज्वाइंट सीपी (क्राइम) शरद सिंघल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस साल जनवरी में अहमदाबाद साइबर क्राइम ब्रांच ने 54 लाख रुपये की धोखाधड़ी के एक मामले में इस गिरोह का खुलासा किया था। इस मामले में अब तक गिरोह से जुड़े 7 लोगों की पहचान हो चुकी है। इनमें से कुछ को हिरासत में लिया है और कुछ को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।

डमी खातों में ट्रांसफर करता था गिरोह
मामले में शरद सिंघल ने बताया कि जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि गिरोह ठगी के पैसों को डमी खातों में ट्रांसफर करता था। फिर इस रकम को हवाला और क्रिप्टोकरेंसी के जरिए देश से बाहर भेज दिया जाता था। गिरोह के सदस्य अंगड़िया के माध्यम से सूरत से नासिर और बृजलाल को पैसे भेजते थे, जो उसे क्रिप्टोकरेंसी में बदलकर दुबई में बैठे मिलन को देते थे। मिलन चीन स्थित गिरोह के लिए काम करता है। वही उन लोगों को वॉलेट उपलब्ध कराता था।

डिजिटल अरेस्ट की दर्ज की गई शिकायतें
उन्होंने कहा कि अहमदाबाद और गांधीधाम में भी डिजिटल अरेस्ट की शिकायतें दर्ज की गई थी। सिंघल ने बताया कि गांधीधाम में एक शिकायतकर्ता से 1.5 करोड़ रुपए और अहमदाबाद में 32 लाख रुपए की ठगी की थी। इस गिरोह के खिलाफ पूरे देश में 404 शिकायतें दर्ज हैं।

केस किया दर्ज
ज्वाइंट सीपी (क्राइम) ने बताया कि गुजसिटोक के तहत इस मामले में केस दर्ज किया गया है। उन्होंने कहा कि गोविंद और सावंत को हिरासत में लिया गया है, जबकि धवल और बृजराज न्यायिक हिरासत में हैं। दो लोग जमानत पर है, उन्हें वापस हिरासत में लेने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है।

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