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शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र में झारखंड सरकार मजबूत कदम उठाती दिख रही है – झारखंड मंत्रिमंडल के फैसले

रांची: यूं तो एकीकृत बिहार के जमाने में, जब झारखंड अलग राज्‍य नहीं बना था, दक्षिण बिहार का यह इलाका एजुकेशन हब माना जाता था। सरकार की ओर से कम, मिशनरियों की पहल उसमें ज्‍यादा थी। इन सबके बावजूद यह एजुकेशन हब की पहचान कुछ चुनिंदा पैसों वालों के हित में ही मानी जाती थी। आम गरीब जनता के लिये शिक्षा बस किताबी बातें भर थी। झारखंड बने 20 साल हो गये। बिहार से अलग होने के बाद भी शिक्षा की हालत बदतर ही रही। लेकिन अब लगता है राज्‍य सरकार में चेतना आ गयी हे। आज के मंत्रिमंडल के फैसलों के बाद यह बात चिन्हित की जा सकती है। यही नहीं वर्तमान हेमन्‍त सोरेन सरकार ने रोजगार की दिशा में भी कुछ कदम उठाये हैं।

सबसे पहले बात शिक्षा की। आज मुख्‍यमंत्री हेमन्‍त सोरेन ने जैक, सीबीएसई, आईसीएसई एवं सीएम स्कूल ऑफ़ एक्सीलेंस के 10 वीं तथा 12 वीं  के टॉपर्स तथा राज्य सरकार द्वारा संचालित आकांक्षा कोचिंग के सफल विद्यार्थियों को सम्मानित किया। टापर्स को तीन-तीन लाख रूपये, एक-एक लैपटॉप और एक-एक स्‍कूटी देकर सम्‍मानित किया।

इधर, मंत्रिमंडल की आज संपन्‍न हुई बैठक में भी कुछ अहम् फैसले लिये गये। स्‍वच्‍छ विद्यालय पुरस्‍कार योजना और झारखंड ई-शिक्षा महोत्‍सव 2025 की घोषणा की गयी है। मंत्रिमंडल ने झारखण्ड निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार (द्वितीय संशोधन) नियमावली, 2025 को भी स्‍वीकृति दी।

संवाददाताओं से बात करते हुए हेमन्‍त सोरेन ने बताया कि अबतक उनकी सरकार ने 25 मेधावी विद्यार्थियों को विदेशी शिक्षा देने की व्‍यवस्‍था कर रही थी। आनेवाले समय में यह संख्‍या अब 50 मेधावी विद्यार्थियों की होगी जिन्‍हें सरकारी खर्च पर विदेश में शिक्षा प्राप्‍त करने का अवसर मिलेगा।

म‍ंत्रिमंडल ने आज के अपने फैसले में नि:शुल्‍क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार का द्वितीय संशोधन 2025 को भी सहमति दे दी है।

एक अन्‍य फैसले में कहा गया है कि एक जमान में राष्‍ट्रीय ख्‍याति प्राप्‍त नेतरहाट विद्यालय की तर्ज पर झारखंड में और तीन आवासीय विद्यालय भी खोले जाएंगे। यही नहीं नेतरहाट विद्यालय में अब लड़कियों को भी नामांकन का अधिकार मिलेगा।

मंत्रिमंडल में यह भी निर्णय लिया गया कि अब सरकारी विद्यालयों को भी निजी विद्यालयों की तरह सुदृढ़ बनाने की दिशा में कई कदम उठाये जा रहे हैं।

रोजगार के क्षेत्र में पहल

युवाओं को रोजगार देने और दिलाने के क्षेत्र में भी राज्‍य सरकार ने पहल कर दी है। इसी क्रम में मुख्‍यमंत्री सोरेन ने 02 सितंबर को झारखंड मंत्रालय सभागार में आयोजित नियुक्ति पत्र का वितरण में हिस्‍सा लिया। इस आयोजन में 975 नवनियुक्त स्नातकोत्तर प्रशिक्षित शिक्षकों, सहायक आचार्यों और प्रयोगशाला सहायकों को सौंपा नियुक्ति पत्र गया।

मंत्रिमंडल की बैठक में कई अन्‍य महत्‍वपूर्ण फैसले भी लिये गये जिसमें झारखंड राज्‍य ललित कला अकादमी एवं झारखण्ड राज्य संगीत नाटक अकादमी के गठन को स्‍वीकृति दी गयी। झारखण्ड पर्यटन विकास और निबंधन अधिनियम (संशोधन) विधेयक, 2025 की स्वीकृति दी गई।

मंत्रिमंडल के फैसलों में धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान (DAJGUA) के तहत् राज्य अन्तर्गत अनुसूचित जनजाति बहुल क्षेत्रों में 50 आँगनबाड़ी केन्द्रों के स्थापना, संचालन एवं इनमें भवन निर्माण को भी स्वीकृति मिल गई। यही नहीं, प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महा अभियान (PM-JANMAN) के तहत् राज्य अन्तर्गत Particularly Vulnerable Tribal Group (PVTG) बहुल क्षेत्रों में 109 आँगनबाड़ी केन्द्रों के स्थापना, संचालन एवं इनमें भवन निर्माण की स्वीकृति दी गई। स्‍टेट इंजीनियरिंग कॉलेज, गिरिडीह के निर्माण कार्य हेतु प्राक्कलित राशि कुल रू 244,73,21,500/- के योजना की स्वीकृति दी गई। कुल मिलाकर देखें तो हेमन्‍त सरकार के ये फैसले जमीन पर उतरने लगे तो राज्‍य देश में अपनी एक खास पहचान की ओर अग्रसर हो सकता है।

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