हमारे यहां पत्रकारिता को पोसने का काम करते हैं धनलोलुप, सत्तालोलुप, मुनाफालोलुप लोग व मुनाफालोलुप बाजार। आइये तीन आकड़ों पर नजर डालते हैं – देश की सबसे बड़ी मीडिया एजेंसी ग्रुप एम के मुताबिक अपने देश में इस साल टीवी विज्ञापन पर ३१५.९६ अरब रुपये, प्रिंट मीडिया में विज्ञापन पर १८४.३७ अरब रुपये और डिजिटल मीडिया में विज्ञापन पर १२३.३७ अरब रुपये खर्च किया जा रहा है। और सभी तरह के विज्ञापनों पर कुल खर्च ६९३.४७ अरब रुपये हो रहा है। हम कितने पैसे का अखबार खरीदते हैं? पांच रुपये का….लेकिन क्या आप जानते हैं कि १६ से ३० पेज का एक अखबार बनाने में १४ रुपये से २५ रुपये तक खर्च होते हैं। फिर बाकी का पैसा कहां से आता है जो हमें अखबार वाले रोज अखबार दे पाते हैं। हम जो अखबार पढ़ते हैं और जो भी न्यूज चैनल देखते हैं, उनकी लागत इसी पैसे से निकलती है और मुनाफा भी होता है।.. more.. watch this video
Unbreaking News (2) : Unique initiative in Journalism
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admin
/ December 3, 2018
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