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छोडि़ये 15 लाख की बात, आप हैं 62 हजार के कर्जदार!

वित्‍त मंत्रालय के सरकार कर्ज प्रबंधन ने सितम्बर में तिमाही रिपोर्ट दी थी उस रिपोर्ट में बताया था कि सरकार का कुल कर्ज सितंबर के अंत तक बढ़कर 82 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया है। देश की 134 करोड़ की आबादी के हिसाब से गणना करें तो हर नागरिक पर करीब 62 हजार रुपये का कर्ज है। 

वित्त वर्ष 2017 की अंतिम तिमाही में भारत का विदेशी कर्ज 471।3 अरब डॉलर था, जो बढ़कर वित्त वर्ष 2018 के अंतिम तिमाही मार्च 2018 तक देश का बाहरी कर्ज 529।70 अरब डॉलर पर हो गया यह कर्ज़ पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 12 फीसदी बढ़ा है।

अब कहा जा रहा है कि यह कर्ज कम हुआ है वित्त वर्ष की पहली छमाही में देश का बाहरी कर्ज 19।3 अरब डॉलर यानी 3।6 प्रतिशत कम होकर 510।40 अरब डॉलर पर आ गया।लेकिन यह वास्तव में इस गिरावट का मुख्य कारण अमेरिकी डॉलर का भारतीय रुपये तथा अन्य प्रमुख मुद्राओं की तुलना में मूल्यांकन कम होना है।

यह आँकड़े उन भक्तों को जवाब है जो हमें यह समझाया करते हैं कि मोदी सरकार में तो विदेशी कर्जा लिया ही नही गया! दरअसल 15 लाख के सपने दिखा कर आप पर 62 हजार का कर्जा चढ़ा दिया गया है।

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