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शिक्षकों का उमड़ा सैलाब,सरकार के खिलाफ निकाले भड़ास

गिरिडीह: एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा के बैनर तले रविवार को सरिया स्टेडियम में उतरी छोटानागपुर प्रमंडल स्तरीय सम्मेलन 16 वां स्थापना दिवस समारोह मनाया गया। जिसमें लगभग 20000 पारा शिक्षक उपस्थित हुए। इसके पूर्व सरिया प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय नावाडीह में पारा शिक्षकों का एकत्रीकरण किया गया। जहां से रैली की शक्ल में 4 किलोमीटर की दूरी तय कर सरिया स्टेडियम पहुंचे। इस बीच झारखंड सरकार के विरोध में जोरदार नारेबाजी की गई। वहीं कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलित कर किया गया।पश्चात प्रदेश व विभिन्न जिलों से आए पारा शिक्षक नेताओं का माल्यार्पण कर स्वागत किया गया।अपने संबोधन में एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सह कार्यक्रम के मुख्य अतिथि संजय दुबे ने कहा कि झारखंड के पारा शिक्षक स्थायीकरण व वेतनमान की मांग को लेकर लगातार आज इकसठवें दिन हड़ताल पर हैं।परंतु झारखंड सरकार अब तक इस विषय पर गंभीर नहीं हुई है। जिसका परिणाम हुआ है कि राज्य के हजारों विद्यालय में ताले लटक चुके हैं। गरीब के बच्चे शिक्षा से महरूम हो रहे हैं। शिक्षण व्यवस्था बिल्कुल चरमरा सी गई है।उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार लाठी गोलियों की सरकार है।8 से 10 हजार रू मानदेय देकर पारा शिक्षकों का शोषण किया जा रहा है।मांगे माने जाने पर शिक्षकों के ऊपर लाठियां बरसाई जाती हैं। उन्हें जेल में डाला जाता है।अपनी मांगों के समर्थन में आंदोलनरत 24 पारा शिक्षक अब तक काल के गाल में समाहित हो चुके हैं। बावजूद झारखंड की निर्दयी सरकार अब तक तनिक भी नहीं पिघली है।वहीं गिरिडीह जिला अध्यक्ष नारायण महतो ने कहा कि हम पारा शिक्षक अपने आंदोलन के मद्देनजर युवावस्था में हैं।सरकार की दमनात्मक कार्रवाई से तनिक भी विचलित होने वाले नहीं हैं।उन्होंने कहा कि सरिया स्टेडियम में भाजपा के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष सह कोडरमा लोकसभा सांसद डॉ रविंद्र कुमार राय ने कहा था कि झारखंड में भाजपा की पूर्ण बहुमत की सरकार बनी तो पारा शिक्षकों को स्थाई किया जाएगा।उनके चुनावी मोनिफेस्टो में भी यह शामिल था।उस दिन पारा शिक्षकों ने संकल्प लेकर पूरे राज्य में कमल खिलाने का काम किया था।परंतु सत्ता में आने के बाद भाजपा सरकार अहंकारी हो गई है।इस सम्मेलन में लोगों ने शपथ लिया कि जिस प्रकार झारखंड प्रदेश में पारा शिक्षकों ने कमल खिलाने का काम किया था सरकार यदि 18 जनवरी तक इनके मांगों पर विचार नहीं करती उन्हें वेतनमान लागू नहीं करती उसी प्रकार झारखंड से कमल मुरझा ने का भी काम पारा शिक्षक करेंगे। वहीं श्री महतो ने पारा शिक्षकों को लाल करते हुए कहा कि जरूरत पड़ी तो सरकार से दो-दो हाथ करने को तैयार रहें।साथ ही आज के इस महासम्मेलन की सफलता को लेकर उपस्थित अतिथियों ने सभी साथियों के हौसले को बनाए रखते हुए कहा कि अपनी चट्टानी एकता और धैर्यता का परिचय देते रहें।सफलता चरण चूमेगी।

 इस कार्यक्रम में धनबाद,बोकारो, हजारीबाग, जामताड़ा, चतरा, रामगढ़,रांची, कोडरमा, देवघर, गोड्डा सहित कई जिलों के पारा शिक्षकों ने भाग लिया।

 वहीं कार्यक्रम को अली रजा खान, अश्विनी कुमार सिंह, सुमन कुमार सिंह, चंदन मेहता, संजय पांडेय, कृष्णा पासवान, वीरेंद्र राय, विजय पांडेय, अभिलाषा झा, प्रसन्न कुमार सिंह, मनोज यादव, जितेंद्र कुमार,रोहित वेदिया, तुलसी महतो, चंदन मोदक, सुदामा महतो, रंजीत मंडल, रमेश सिंह, बलदेव ठाकुर, सीमंत घोषाल आदि ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता गिरिडीह जिला अध्यक्ष नारायण महतो तथा संचालन महेश वर्मा ने किया। कार्यक्रम में नरेश मंडल, शिव शंकर रूपांशु, सुधीर प्रसाद, रंजीत टाइगर, नरेश ठाकुर, जमाल अंसारी, मनोज शर्मा, हरिहर शर्मा, मुन्ना यादव, अमृत महतो, चंपा ठाकुर, किरण वर्मा,मन्नू दास, बसंती कुमारी, अशोक विश्वकर्मा, प्रकाश मंडल, आदि लोगों की सराहनीय भूमिका रही।

 पारा शिक्षकों के इस महा सम्मेलन में आयोजित रैली को लेकर लगभग डेढ़ घंटे तक सरिया बाजार में जाम सा माहौल रहा। यातायात व्यवस्था पूरी तरह ठप्प सी हो गई।वहीं स्थानीय पुलिस प्रशासन भी पूरी तरह मुस्तैद रही।

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