कोलकाता: संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शनिवार को यहां आयोजित विपक्ष की रैली को ‘अभिमानी और विभाजनकारी’ नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ सभी राजनीतिक धारा के नेताओं को एकजुट करने का ‘महत्वपूर्ण प्रयास’ बताया। रैली के लिए भेजे अपने संदेश में, उन्होंने कार्यक्रम के लिए ‘सफलता की कामना’ की। इस रैली में वह और उनके बेटे व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी शामिल नहीं हुए।
उन्होंने कहा, “रैली ‘अभिमानी और विभाजनकारी’ नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ पूरी राजनीतिक धारा के नेताओं को एक साथ लाने का ‘महत्वपूर्ण प्रयास’ है।”
उनके संदेश को लोकसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने पढ़ा।
खड़गे और पार्टी प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा आयोजित विपक्षी रैली में कांग्रेस पार्टी की ओर से शामिल हुए।
इस रैली में 23 राजनीतिक पार्टियों के नेता एकत्रित हुए।
सोनिया ने देश की दुर्दशा पर कहा, “हमारे किसान संकट में हैं, युवा बेरोजगार हैं। चावल व जूट किसान परेशान हैं और मछुआरे भारी घाटे में चल हैं।”
उन्होंने कहा, “देश काफी खराब हालात से गुजर रहा है-आर्थिक रूप से हमारे नागरिक मुश्किल में हैं, राजनीतिक रूप से हमारे संस्थानों को कमतर आंका गया और सामाजिक रूप से बहुलतावादी ताने-बाने को बर्बाद किया गया।”
संपग्र की नेता ने कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव कोई ‘साधारण चुनाव’ नहीं है।
उन्होंने कहा, “यह लोकतंत्र में देश का विश्वास बहाल करने, हमारे धर्मनिरपेक्ष ढांचे और धरोहरों को बचाने के लिए चुनाव है। वे लोग भारत के संविधान को बर्बाद करना चाहते हैं।”