गुमला: उपायुक्त शशि रंजन द्वारा मंगलवारीय साप्ताहिक जनता दरबार में सदर प्रखण्ड के भलदमचट्टी गांव के शिबु गोप ने बिना केस मुकदमा के पूरे परिवार को थाना के हाजत में रखने की शिकायत की है। उपायुक्त को दिए आवेदन में शिकायतकर्ता शिबु गोप ने बतायी है कि 18 जनवरी 2019 को अपने खेत में खेती-बारी के काम के अलावे सिंचाई के लिए बोरिंग की खुदाई की जा रही थी। उन्होंने बताया है कि जिस सिंचाई कार्य में सामग्री लगाई गई थी उसकी कीमत छः से सात लाख रूपये होगी जिसकी रसीद होने की बात बताई है। उन्होंने बताया कि बोरिंग कराते वक्त अचानक गुमला थाना के पुलिस पदाधिकारी जितेन्द्र सिंह आए और काम बन्द कराते हुए मुझे (शिबु गोप) सहित पत्नी सुकरमनी देवी, पुत्री किरण कुमारी, पुत्र अमित गोप एवं समस्त परिवार के सदस्यों के साथ इसी काम के लिए आए अजय तिर्की को गुमला थाना में ले आए और समस्त परिवार को रात भर ठण्ड में रखा गया तथा बाहर कुछ लोग मेरे परिवार के बैठे रहे। उन्हांेेने बताया पुलिस पदाधिकारियों से थाना लाए जाने के कारण पूछने पर कोई जवाब नहीं मिली और मेरा सभी परिवार को रातभर थाने में रखने के पश्चात् 19 जनवरी को पूर्वाह्न 11 बजे छोड़ दिया गया। साथ ही उन्होंने बोरिंग की खुदाई कर रहे लोगों के साथ मारपीट करने की शिकायत उपायुक्त से की है। एक अन्य मामलें में नगर परिषद कार्यालय में कुली का काम किए महिन्द्र बेक ने उपादान एवं उपार्जित अवकाश सहित अन्य पावनाओं से संबंधित राशि का भुगतान कराने की गुहार लगाई है। महिन्द्र बेक ने बताया नगर परिषद कार्यालय के कई बार चक्कर काटने के बाद भी पावनाओं का राशि की भुगतान नहीं की जा रही है। जनता दरबार में तिर्रा गांव में कार्यरत् चैकीदार सुरेन्द्र लोहरा ने अपने कार्यकाल अगस्त 2008 से लेकर अबतक कार्य करने की बात कहते हुए। अपनी योग्यतानुसार सिलम स्थित आईटीआई भवन में रिक्त पड़े पद पर सेवा स्थायी कराने की गुहार लगाई है। इसके अलावे जनता दरबार में लगभग 25 फरियादियों ने उपायुक्त को आवेदन सौंपकर अपनी समस्याओं को बताया एवं समस्या का निराकरण कराने की गुहार उपायुक्त से लगाई।
मामले की जाँच के लिए अपर उपायुक्त ने संबंधित विभागों के पदाधिकारियों को पत्र अग्रसारित किया है।




