नई दिल्ली: सर्वोच्च न्यायालय ने भारतीय रिजर्व बैंक(आरबीआई) को अवमानना याचिका पर नोटिस जारी किया है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि केंद्रीय बैंक ने कुछ बैंकों के निरीक्षण रपटों के बारे में और पारदर्शिता कानून के अंतर्गत सहारा समूह की कंपनियों की कथित अनियमितता के बारे में सूचना मुहैया नहीं कराई। न्यायमूर्ति नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने एक याचिका के आधार पर आरबीआई को नोटिस जारी किया। मुंबई के एक निवासी द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि आरबीआई ने मामले में सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बावजूद सूचना देने से इनकार कर दिया।
याचिकाकर्ता गिरीश मित्तल की ओर से पेश वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण और प्रणव सचदेवा ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि उन्होंने दिसंबर 2015 में सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत सूचना मांगी थी। याचिकाकर्ता ने अप्रैल 2011 से आईसीआईसीआई बैंक, एक्सिस बैंक, एचडीएफसी बैंक और एसबीआई की निरीक्षण रपटों और आरबीआई द्वारा पता लगाई गई सहारा समूह की कंपनियों के संबंध में कई अनियमितताओं के बारे में जानकारी मांगी गई।
सर्वोच्च न्यायालय ने मामले में गौर करते हुए कहा, “आरबीआई को पारदर्शिता के साथ काम करने और सूचनाओं को छुपाने की जरूरत नहीं है, जिससे बैंकों को शर्मिदगी का सामना करना पड़ सकता है। आरटीआई अधिनियम का पालन और मांगी गई जानकारी देना बाध्यकारी कर्तव्य है।”