रांची: झारखंड में रघुवर सरकार द्वारा निवेशकों के आमंत्रण के नाम पर आयोजित किये गए ‘मोमेन्टम झारखंड’ में सौ करोड़ से अधिक के खर्च के खिलाफ एक रिट याचिका का निष्पादन करते हुए झारखंड हाईकार्ट ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्युरो से जांच कराने की छूट दे दी है। याचिकाकर्ता दीवान इंद्रनील सिन्हा ने आरोप लगाया है कि मोमेन्टम झारखंड नाम से ‘ग्लोनबल इन्वेस्टर्स मीट 2017’ एवं देश-विदेश में रोड शो के नाम पर सरकारी खजाने से अनर्गल खर्च करके बताया गया कि करीब डेढ़ लाख करोड़ का एमओयू विभिन्न व्यावसायिक घरानों के साथ हुआ, लेकिन आज तक उसका नतीजा धरातल पर नहीं दिखा।
नेता, अफसर और बिचौलियों की खूब मौज मस्ती और कमाई हुई। ये लोग अमेरिका, इंगलैंड, जर्मनी, कनाडा में रोड शो के बहाने तफरीह करते रहे। जनता की कमाई का साढ़े सोलह करोड़ विदेशों में उड़ा दिया। खाने पीने के नाम पर साढ़े सात करोड़, देश में रोड शो के नाम पर साढ़े चार करोड़ खर्च किये गए। इसके एवज में एक लाख उनसठ करोड़ के निवेश का एमओयु का ब्योरा सरकार की ओर से सामने रखा गया, लेकिन निवेश आजतक धेले का भी नहीं हुआ। याचिकाकर्ता सिन्हा ने सीबीआई जांच की मांग की थी। सिन्हा की इस याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस अनिरूद्ध बोस और जस्टिस डीएन पटेल की पीठ ने कहा कि मामला अगर जांच का बनता है तो याचिकाकर्ता को छूट है कि वह एसीबी (भ्रष्टाचार निरोधक ब्युरो) में प्राथमिकी दर्ज कराये।