ग्वालियर: हाई कोर्ट की एकल पीठ में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका की सुनवाई के दौरान एक सैनिक ने सेना के अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। सैनिक धर्मेंद्र सिंह भदौरिया ने तर्क दिया कि मुझे बंधक बना लिया है। प्राइवेट पार्ट में करंट लगा रहे हैं, मैं प्रताड़ना से तंग आ चुका हूं जबकि सेना ने कहा है कि आरोप झूठा है। सैनिक का जम्मू-कश्मीर स्थानांतरण किया गया है, लेकिन वह जाना नहीं चाहता है इसलिए झूठी कहानी रच रहा है। साथ ही सैनिक की भूमिका संदिग्ध है इसलिए उसे निगरानी में लिया गया है। कोर्ट ने सुनवाई के बाद याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है।
किरन भदौरिया ने हाई कोर्ट में एक बंदी प्रत्यीक्षकरण याचिका दायर की है। याचिका में तर्क दिया है कि उसका पति धर्मेद्र भदौरिया 25 ग्रेनेडियर्स में कार्यरत है। उनका आइ कार्ड 26 जुलाई, 2018 को गुम हो गया। इस आरोप में सेना के अधिकारियों ने उन्हें बंधक बना लिया है। मुझे और मेरे बच्चे को उनसे नहीं मिलने दिया जा रहा है। क्वार्टर में जो सामान रखा था, उसे अधिकारियों ने उठवा लिया है, हमें लगातार प्रताड़ित किया जा रहा है। इस संबंध में हाई कोर्ट ने सेना से जवाब मांगा।
बुधवार को सेना के अधिकारी धर्मेंद्र को हाई कोर्ट लेकर आए और कोर्ट के समक्ष पेश किया। इस दौरान धर्मेंद्र ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि ये प्राइवेट पार्ट में बिजली के झटके दे रहे हैं। सैनिक के इस आरोप के जवाब में सेना की ओर से कहा गया कि 26 जुलाई, 2018 को शपथ पत्र पर आइ कार्ड गुम होने की शिकायत की थी, लेकिन इसने जो स्टांप पेश किया है वह 23 जुलाई को खरीदा है। सैनिक की भूमिका संदिग्ध है इसलिए इसे निगरानी में लिया गया है। उस पर कोर्ट ऑफ इंक्वायरी भी चल रही है।