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बिजनौर के सीजेएम अदालत में खुलेआम हत्‍या

मेरठ: बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) के नेता हाजी अहसान और उनके भांजे शादाब की 28 मई 2019 को उन्हीं के दफ्तर में हत्या कर दी गई थी। वारदात को अंजाम देने वाले हत्या के आरोपियों शाहनवाज और जब्बार को दिल्ली की तिहाड़ जेल से बिजनौर की सीजेएम कोर्ट लाया गया था। सुनवाई शुरू हुई तो वहां पर सीजेएम योगेश कुमार, दिल्ली पुलिस का जवान संजीव, कोर्ट मोहर्रिर (यूपी पुलिस का जवान) मनीष कुमार मौजूद थे। इसी बीच वहां तकरीबन 25 राउंड गोलियां चलीं। गोलियों की आवाज से वहां मौजूद लोग थर्रा उठे।

आरोपी शाहनवाज की मौत हो गई, जब्बार इन सबके बीच अपनी जान बचाकर कोर्ट से रूम से भाग निकला। हालांकि, मनीष और संजीव गोली लगने की वजह से जख्मी हो गए। सीजेएम योगेश कुमार इस घटना में बाल-बाल बच गए। इस वारदात के बाद तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।

पुलिस के मुताबिक, शाहनवाज और जब्बार दोनों का आपराधिक इतिहास है। शाहनवाज की गिनती मऊ से बाहुबली बीएसपी विधायक मुख्तार अंसारी के करीबी के तौर पर भी होती थी। जब्बार के खिलाफ गंभीर धाराओं में नौ मुकदमे दर्ज हैं। पुलिस के अनुसार, गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में जब्बार ने खुलासा किया था कि वह नजीबाबाद का डॉन बनने के साथ विधायक बनने की चाहत रखता था। इसी वजह से हाजी अहसान व उनके भांजे की हत्या कराकर दहशत फैलाना मकसद था। अहसान को रास्ते से हटाकर जमीनों पर जब्बार कब्जा करना चाहता था। बड़े लोगों से रंगदारी मांगने की भी वह योजना बना रहा था।

उधर, शाहनवाज ने रिमांड पर पुलिस को पूछताछ के दौरान यह भी बताया था कि बीएसपी नेता अहसान उसकी हत्या कराना चाहता था, इसलिए उसने पहले ही हत्या करा दी। दानिश और जब्बार से मामा भांजे को मरवा दिया था।

एसपी संजीव त्यागी ने बताया कि अहसान का बेटा साहिल अपने दो साथियों के साथ कोर्ट में पहुंचा। उसने अपने पिता की हत्या के आरोपी शाहनवाज और जब्बार को निशाना बनाते हुए फायरिंग शुरू कर दी। शाहनवाज को कई गोलियां लगने से मौके पर ही मौत हो गई। हेड मोहर्रिर मनीष और दिल्ली पुलिस का सिपाही संजीव गोली लगने से घायल हो गए। पुलिस ने बीएसपी नेता अहसान के बेटे साहिल सहित तीन को कोर्ट रूम में बंद कर गिरफ्तार कर लिया। घायल हेड मोहर्रिर को अस्पताल में भर्ती कराया है, जिसे मेरठ रिफर कर दिया गया है।

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