अहमदाबाद: सरदार वल्लभभाई पटेल के सम्मान में बनाए गए उनके 182 मीटर ऊंचे विशाल ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को लोकार्पण किया। स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के उद्घाटन के बाद प्रधानमंत्री ने देश की एकता जिंदाबाद का नारा दिया। मोदी के साथ गुजरात के सीएम विजय रुपाणी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह भी मौजूद रहे। दुनिया की सबसे ऊंची बताई जा रही यह प्रतिमा ‘स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी’ से दोगुनी ऊंची है और नर्मदा जिले में सरदार सरोवर बांध के पास साधु बेट टापू पर स्थापित होगी। इससे पहले पीएम मोदी ने स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के पास टेंट सिटी और वैली ऑफ फ्लोवर्स’ का उद्घाटन किया। आज सरदार पटेल की 143वीं जयंती भी है।
स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की खास बातें:
– स्टैच्यू ऑफ यूनिटी विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा है और यह महज 33 माह के रिकॉर्ड कम समय में बनकर तैयार हुई है। इसका निर्माण 19 दिसंबर, 2015 को शुरू किया गया था।
– यह मूर्ति 182 मीटर ऊंची है।
– यह चीन में स्थित स्प्रिंग टेंपल की बुद्ध की प्रतिमा (153 मीटर) से भी ऊंची है और न्यूयॉर्क में स्थित स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी से लगभग दोगुनी ऊंची है।
– इस मूर्ति का निर्माण 2,989 करोड़ रुपए की लागत से किया गया है।
– कांसे की परत चढ़ाने के एक आशिंक कार्य को छोड़ कर इसके निर्माण का सारा काम देश में किया गया है।
– यह प्रतिमा नर्मदा नदी पर सरदार सरोवर बांध से 3.5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
– स्टैचू के नीचे एक म्यूजियम भी तैयार किया गया है जहां पर सरदार पटेल की स्मृति से जुड़ी कई चीजें रखी गई हैं।
– इस मूर्ति में दो लिफ्ट लगी हुई हैं जिनके जरिए सरदार पटेल की छाती पहुंच सकेंगे और सरदार सरोवर बांध का नजारा देख सकेंगे, इतना ही नहीं खूबसूरत वादियों का भी मजा ले सकेंगे।
– सरदार की मूर्ति तक पहुंचने के लिए पर्यटकों के लिए पुल और बोट की व्यवस्था की जाएगी।
– यह स्टैच्यू 180 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से चलने वाली हवाओं में भी स्थिर खड़ा रहेगा और 6.5 तीव्रता के भूकंप को सहन कर सकता है।