रांची : झाविमो अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने कहा कि राज्य में सुनियोजित और संगठित तरीके से सरकारी खजाने की लूट हो रही है। डीपीआर में गड़बड़ी, फिर इस्टीमेट में घोटाला और अंत में काम में डिवियेशन, यानी हर स्तर पर भ्रष्टाचार हो रहा है।
राज्य में विकास की बात कही जा रही है, लेकिन यहां भ्रष्टाचार का विकास हो रहा है। मुख्यमंत्री के पास जितने विभाग हैं, चाहे वह भवन निर्माण हो, ऊर्जा विभाग, सड़क, माइंस हर विभाग में गड़बड़ी है। अब तक राज्य में पांच हजार करोड़ से अधिक का इस्टीमेट घोटाला हो चुका है। रघुवर दास की सरकार बनने के चार वर्ष बाद घोटाला सतह पर आ रहा है। घोटाले को भी सामने आने में वक्त लगता है। अब समझा जा सकता है कि मुख्यमंत्री ने इतने विभाग अपने पास क्यों रखे हैं।
मरांडी ने अपने आवास पर पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि वह एक-एक विभाग के घोटाले को उजागर करेंगे। उन्होंने कहा कि हाइकोर्ट के निर्माण तक में गड़बड़ी की गयी। प्रशासनिक स्वीकृति 366 करोड़ की मिली, लेकिन टेेंडर 264 करोड़ का हुआ़ किस आधार पर प्राक्कलन कम किया गया, इसका कोई कारण नहीं दिया गया़ फिर काम 697 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। झाविमो अध्यक्ष ने कहा कि जिस सचिव ने प्राक्कलन बढ़ाने की स्वीकृति दी, उसी को जांच कमेटी में रख दिया गया। अब अभियंता की टीम बना कर जांच कराने की बात हो रही है।
सरकार जांच के नाम पर लीपापोती कर रही है। मोटी कमाई के लिए अफसर और ठेकेदार के गठजोड़ ने इस्टीमेट बढृाया। मरांडी ने कहा कि हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की निगरानी में सीबीआइ जांच होनी चाहिए़ मुख्यमंत्री दोषियों को सजा देना चाहते हैं, तो फिर सचिव पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है। मरांडी ने कहा कि राज्य में चारा घोटाले से भी बड़ा घोटाला हुआ है। मौके पर झाविमो नेता सरोज सिंह और अशोक वर्मा मौजूद थे।