झारखंड में लगातार हो रही भूख से मौत के बीच राज्य की भाजपा सरकार ने राशन की दुकानों को निजी कम्पनियों के उत्पादों को बेचने का माध्यम बनाने का निर्णय लेते हुए टेंडर जारी कर दिया है. खाद्य एवं उपभोक्ता निदेशालय( खाद्य आपूर्ति विभाग) ने राज्य के 600 जन वितरण प्रणाली की दुकानों (प्रत्येक जिले से 25 दूकान) में 50 रोजमर्रा के जरुरत की सामाग्री आपूर्ति करने के लिए 16 अक्टूबर 2018 (विश्व खाद्य दिवस) को Expression of Interest जारी किया है. प्राप्त दस्तावेज के अनुसार आपूर्तिकर्ता को जन वितरण प्रणाली की दुकानों पर 50 रोजमर्रा के जरुरत की सामाग्री (वर्तमान में राशन के दूकान से मिलने वाली सामाग्री यानि चावल,गेहूं, चीनी, केरोसीन,नमक को छोड़कर) आपूर्ति करनी है.जन वितरण प्रणाली के माध्यम से Public Private Partnership(PPP) द्वारा संगठित बाजारीकरण के इस प्रयास को दिन दयाल लोकवस्तु भण्डार योजना के नाम से जाना जाएगा.
निजी आपूर्तिकर्ता/उत्पादनकर्ता द्वारा राशन की दुकानों में घी, दाल, नुडल,बिस्किट,मोमबत्ती,चाय-कॉफी,चिप्स, कॉस्मेटिक क्रीम्स,नहाने का साबुन, कपड़ा धोने का साबुन, बर्तन धोने का साबुन,शैम्पू,तेल,टूथ पेस्ट,सौस,अंचार,मधु, पापड़,अचार, सत्तू,चप्पल,जूता,स्टेशनरी सामाग्री,अगरबत्ती, माचिस,बल्ब, बेसन,कंघी,चौकलेट,झाड़ू सहित 50 उत्पादों की आपूर्ति की जायेगी.
टेंडर के अनुसार FMCG( Fast moving consumer goods) के व्यवसाय में आपूर्तिकर्ता/उत्पादनकर्ता का पिछले तिन वर्षों में वार्षिक आय कम से कम 20 करोड़ होनी चाहिए. FMCG सेक्टर भारत की अर्थव्यवस्था की चौथा सबसे बड़ा सेक्टर है. पिछले कुछ सालों में शहरी क्षेत्र के बजाय ग्रामीण क्षेत्रों में FMCG का बाजार तेजी से फैला है. विश्लेषकों का कहना है कि भविष्य में ग्रामीण क्षेत्रों में FMCG की वृद्धि शहरी क्षेत्रों के मुकाबले तिन गुना होगी.
ग्रामीण बाजार में FMCG उत्पादों को प्रवेश कराने के लिए जन वितरण प्रणाली का नेटवर्क एक सक्षम माध्यम माना जाता है
राजस्थान की भाजपा सरकार जन वितरण प्रणाली के आधुनिकीकरण के नाम पर पीपीपी मोड में अन्नपूर्णा भण्डार नाम से ऐसी योजना 2015 से चला रही है. राजस्थान में यह काम भारत की सबसे बड़े खुदरा व्यापारी कम्पनियों में से एक किशोर बियानी की फ्यूचर ग्रुप (बिग बाजार रीटेल स्टोर की मालिक) कर रही है जहां फ्यूचर ग्रुप के लिए जन वितरण प्रणाली की 5000 दुकानों के द्वारा ग्रामीण बाजार सुलभ बना दिया गया है. एक न्यूज रिपोर्ट के अनुसार फ्यूचर ग्रुप के एक अधिकारी का कहना है कि अपने 500 दुकानों( retail store) की श्रृंखला खड़ी करने में उन्हें कई वर्ष लग गए लेकिन राशन की दुकानों के द्वारा अपने उत्पादों की बिक्री की स्वीकृति के बाद उन्हें एक ही झटके में 5000 दूकान मिल गए. इन राशन की दुकानों के माध्यम से उन्हें दूर दराज के इलाकों में भी बड़ी संख्या में ग्राहक मिल गए जो उन्हें वैसे नहीं मिल पाते.
हालाकि फिक्की-केपीएमजी की 2015 की एक रिपोर्ट के अनुसार FMCG बाजार में 20 प्रतिशत से ज्यादा नकली सामान है और नकली सामान के बाजार में 65% हिस्सा FMCG उत्पादों का है. 2014 के अंत तक FMCG उत्पादों के व्यापार में नकली सामानों की कुल कीमत 68 हजार करोड़ थी. रिपोर्ट यह भी कहती है कि FMCG व्यवसाय में नकली सामानों की बिक्री के कारण कुल 27,500 करोड़ रुपये का राजस्व नुक्सान हुआ है
झारखंड में कूल 25,746 राशन की दूकान हैं और कूल 2,62,76,125 आबादी जन वितरण प्रणाली के दायरे में हैं. दिन दयाल लोक वस्तु भण्डार योजना के पहले चरण में 600 जन वितरण प्रणाली की दुकानों के माध्यम से लगभग 6 लाख की आबादी( औसतन 1000 व्यक्ति/राशन की दूकान के हिसाब से ) को संगठित खुदरा बाजार अर्थव्यवस्था का हिस्सा बनाया जा रहा है.
बहुत संभव है कि आर.एस.एस विचारक एवं भारतीय जन संघ के संस्थापक दिन दयाल उपाध्याय के नाम से शुरू की गयी यह योजना धीरे धीरे पूरे झारखंड में लागू हो जाए और जन वितरण प्रणाली के अंतर्गत करोड़ों की ग्रामीण आबादी को संगठित बाजार अर्थव्यस्था का हिस्सा बनाकर सरकार की किसी निजी कम्पनी को बड़ा फायदा पहुंचाने का प्रयास करे
जन वितरण प्रणाली का उद्देश्य है जरुरतमंदों को रियायती दर पर अनाज उपलब्ध कराना ताकि कम से कम उनकी न्यूनतम खाद्य सुरक्षा बनी रहे और कोइ भूखा न रहे. खाद्य सुरक्षा कानून ने तो इस योजना को कानूनी रूप देकर सरकार की इस जिम्मेदारी को और भी बढ़ा दिया. लेकिन राज्य एवं केंद्र की भाजपा सरकार ने न्यूनतम खाद्य सुरक्षा देनी वाली इस योजना में भी तमाम जन विरोधी प्रयोग किये जिसका परिणाम है झारखंड में 10 से ज्यादा भूख से मौत. अब बड़ी कम्पनियों एवं मुनाफाखोरों को फायदा पहुंचाने के लिए झारखंड में जन वितरण प्रणाली के द्वारा बाजारीकरण का प्रयोग किया जा रहा है.
रघुवर दास के नया झारखंड में आपका स्वागत है..
रिपोर्ट: धीरज