कुड़मी को अनुसूचित जनजाति में शामिल नहीं किये जाने पर विवाद बढ़ रहा है। एक ओर जहां कुड़मी महतो लोग झारखंड में आंदोलन का रूख कर चुके हैं वहीं उनके कुछ बुद्धिजीवी पुराने दस्तावेज खंगाल कर अपने दावे को मजबूत करने में जुटे हैं। इसी प्रसंग में हमने बात की जमशेदपुर के अधिवक्ता सुनील महतो से। मेरे साथ वरिष्ठ पत्रकार (दिल्ली से) मुकेश सिन्हा भी मौजूद हैं इस वीडियो में। आप भी सुनिये और अपनी राय कमेन्ट सेक्शन में जरूर दीजिए।
‘..तो आगे कोई आदिवासी सीएम नहीं बनेगा झारखंड में?’ | “Will Jharkhand Never Have a Tribal CM Again?”
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admin
/ October 12, 2025