एक साधारण, पर ‘असाधारण’ सरदार!
अभी अभी दिवंगत हुए डॉ मनमोहन सिंह पर कुछ लिखने की न मुझमें पात्रता है, न ही बहुत जरूरी लग रहा था. सबसे पहले तो यह स्वीकारोक्ति कि मुझे अर्थशास्त्र की बहुत समझ नहीं है; और मनमोहन सिंह की ख्याति … Read the rest
अभी अभी दिवंगत हुए डॉ मनमोहन सिंह पर कुछ लिखने की न मुझमें पात्रता है, न ही बहुत जरूरी लग रहा था. सबसे पहले तो यह स्वीकारोक्ति कि मुझे अर्थशास्त्र की बहुत समझ नहीं है; और मनमोहन सिंह की ख्याति … Read the rest
वर्ष 1974 में गांधी मैदान (पटना) में लोकनायक जयप्रकाश नारायण द्वारा “संपूर्ण क्रांति’ के उद्घोष को पचास वर्ष पूरे हो रहे हैं. उस आंदोलन का मकसद समाज और व्यवस्था में आमूल बदलाव करना था. मगर अफसोस कि वह लक्ष्य अधूरा … Read the rest