अठारह महीने बनाम ग्यारह साल!
आधी सदी पहले देश पर थोपे गये आपातकाल पर विमर्श में यदि स्पष्ट विभाजन नजर आ रहा है, तो यह अकारण नहीं है! सत्ता पक्ष ने इस बार भी एक कर्मकांड की तरह इसका आयोजन ‘सविधान हत्या दिवस’ के रूप … Read the rest
आधी सदी पहले देश पर थोपे गये आपातकाल पर विमर्श में यदि स्पष्ट विभाजन नजर आ रहा है, तो यह अकारण नहीं है! सत्ता पक्ष ने इस बार भी एक कर्मकांड की तरह इसका आयोजन ‘सविधान हत्या दिवस’ के रूप … Read the rest
दो ‘हिंदुओं’ ने महज शादी के लिए इस्लाम ग्रहण कर लिया, मगर गुपचुप. समाज की नजरों में ‘हिंदू बने रहे. धर्मांतरण के विरोधियों और इसलाम से चिढ़ने वालों को कोई कष्ट नहीं हुआ! मामला धर्मेंद्र और हेमा मालिनी से जुड़ा … Read the rest
ये ‘धर्म संसद’ क्या बला है?
राहुल गांधी को हिंदू धर्म से बहिष्कृत करने की धमकी के मायने!
खबरों के मुताबिक बीते नौ फरवरी को प्रयागराज महाकुम्भ में हुई ‘धर्म संसद’ में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष, राहुल गांधी के ‘मनुस्मृति’ … Read the rest
दिल्ली विधानसभा चुनावों में भाजपा को मिली सफलता जितनी चौंकानेवाली लगती है, उतनी है नहीं. 2014 से केंद्र में अपराजेय भाजपा के रहते और मोदी-शाह जोड़ी की नाक के नीचे दिल्ली विधानसभा चुनावों में ‘आप’ को मिलती रही प्रचंड जीत- … Read the rest
अभी अभी दिवंगत हुए डॉ मनमोहन सिंह पर कुछ लिखने की न मुझमें पात्रता है, न ही बहुत जरूरी लग रहा था. सबसे पहले तो यह स्वीकारोक्ति कि मुझे अर्थशास्त्र की बहुत समझ नहीं है; और मनमोहन सिंह की ख्याति … Read the rest
वर्ष 1974 में गांधी मैदान (पटना) में लोकनायक जयप्रकाश नारायण द्वारा “संपूर्ण क्रांति’ के उद्घोष को पचास वर्ष पूरे हो रहे हैं. उस आंदोलन का मकसद समाज और व्यवस्था में आमूल बदलाव करना था. मगर अफसोस कि वह लक्ष्य अधूरा … Read the rest