मुंबई: अभिनेता पारितोष त्रिपाठी टेलीविजन पर अपनी मौजूदगी एंकर, कॉमेडियन व चरित्र अभिनेता के रूप में पहचान बना चुके हैं। वह मानते हैं कि कॉमेडी करना आर-पार की लड़ाई जैसा है। टीवी शो 'सुपर डांसर' से बनी उनकी 'मामाजी' की छवि अभी भी लोगों के जेहन में बनी हुई है।
पारितोष का नया शो 'कॉमेडी सर्कस' 15 सितंबर से सोनी टीवी पर प्रसारित होगा, जिसमें वह नए-नए रूप में लोगों को हंसाते नजर आएंगे। उन्होंने आईएएनएस के साथ विशेष बातचीत में अपने आने वाले शो और दूसरे मुद्दों पर अपनी बेबाक राय जाहिर की।
यह पूछे जाने पर कि क्या वह खुद को कॉमेडियन मानते हैं, उन्होंने कहा, "मैं अपने को मूल रूप से अभिनेता मानता हूं। कॉमेडी, एंकरिंग व दूसरी भूमिकाएं इसका हिस्सा हैं। एंकरिंग थोड़ा मुश्किल हैं, क्योंकि इसमें खुद को प्रस्तुत करना होता है। 'मामाजी' के रूप में किसी अन्य किरदार को निभाता हूं, लेकिन एंकर के रूप में पारितोष के तौर अभिनय करना होता है।"
'इंडियन आइडल' में एंकर के रूप में व 'क्राइम पेट्रोल' में गंभीर भूमिकाओं में नजर आ चुके पारितोष अब 'कॉमेडी सर्कस' में नए-नए किरदारों में दिखेंगे। कॉमेडी सर्कस 15 सितंबर से शुरू हो रहा है। इसके अलावा वह 'सुपर डांसर' के नए सीजन में 'मामाजी' के किरदार में लोगों को हंसाएंगे।
यह पूछे जाने पर कि क्या कॉमेडी के लिए कोई विशेष योजना बनाते हैं? पारितोष कहते हैं, "ऊपर वाले की कृपा है कि मुझमें थोड़ा लिखने का सेंस है, जिससे कॉमेडी बेहतर हो जाती है, या कोई बात तत्काल दिमाग में आ जाती है। हालांकि, कॉमेडी बड़ी मुश्किल है। कॉमेडी करना आर-पार की लड़ाई लड़ने जैसा है। अगर आपके जोक पर किसी को हंसी आई तो वह जोक है, नहीं आई तो..।"
क्या कॉमेडी स्क्रिप्टेड होती है? इस सवाल पर पारितोष कहते हैं कि बहुत सी चीजें स्क्रिप्टेड होती हैं और इन्हें एक ही साथ करना होता है, इसमें आप कोई चीटिंग नहीं कर सकते।
उन्होंने कहा, "मामाजी के रूप में मैं जो शायरी बोलता था वह मेरी खुद की होती थी। कॉमेडी में आप किसी चीज की नकल नहीं उतार सकते। यह एकदम मौके पर आनी चाहिए।"
स्टैंडअप कॉमेडी पर आपकी राय क्या है? इस सवाल पर पारितोष कहते हैं कि स्टैंडअप कॉमेडी वल्गर नहीं होना चाहिए। लेकिन एक माइक के सामने खड़े होकर हंसाना काफी मुश्किल है। स्टैंडअप कॉमेडी में गालियों पर हंसी आती है, जोक पर हंसी नहीं आती है। ऐसा नहीं होना चाहिए कि स्टैंडअप कॉमेडी का वीडियो छिप-छिप के देखना पड़े। यह काफी मुश्किल विधा है। स्टैंडअप कॉमेडी में कुछ लोग काफी अच्छा राजनीतिक व्यंग्य बिना नाम लिए कर देते हैं।
आज के दौर में कॉमेडी धारावाहिकों का चलन बढ़ा है। इस पर आपकी क्या राय है? यह पूछे जाने पर पारितोष कहते हैं, "वाकई, कॉमेडी शो के नाम पर बहुत से शो चल रहे हैं। कुछ अच्छे शो भी चल रहे हैं, जिसमें 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा', 'क्या हाल पांचाल' व 'भाबीजी घर पर हैं' वगैरह। लेकिन कई कॉमेडी शो का हाल सरकारी दफ्तर में ईमानदारी ढूंढने जैसा है। इस तरह के शो में लोगों को हंसी आती, आती भी है तो बहुत मुश्किल से आती।"
अभिनेता पारितोष फिल्म 'काशी' में भी नजर आएंगे। 'काशी' 26 अक्टूबर को रिलीज होगी। इसमें पारितोष के साथ शरमन जोशी भी हैं।
फिल्म के बारे में पूछने पर वह कहते हैं कि फिल्म 'काशी' में उनका किरदार बनारसी पृष्ठभूमि से है। यह गंभीर फिल्म है। इसमें वह अपने बनारसी अंदाज से दर्शकों को गुदगुदाते नजर आएंगे।
आपका कॉमेडी में आना कैसे हुआ? इस सवाल पर पारितोष ने कहा, "गोरखपुर के रंग आश्रम थिएटर से मेरे अभिनय की शुरुआत हुई। लोगों का अच्छा रिस्पांस मिलने लगा था, जिससे अभिनय में रुचि बढ़ती गई। इसके बाद दिल्ली चला गया और फिर वहां से मुंबई मुकाम बन गया।"
एआईबी रोस्ट के बारे में आपकी राय क्या है? इस पर उन्होंने कहा,
"यह विशेष वर्ग के दर्शकों के लिए है, क्योंकि लोग देखना चाहते हैं, तभी तो इस तरह की सामग्री चल रही है। लेकिन मेरा निजी तौर पर मानना है कि बंद कमरे की चीजें सार्वजनिक नहीं होना चाहिए।"
पारितोष कपिल शर्मा के शो में भी नजर आ चुके हैं। हाल में 'फैमिली टाइम विद कपिल शो' फ्लॉप हो गया। इस पर आप क्या कहेंगे? जवाब में उन्होंने कहा, "कपिल शर्मा शो के बंद होने से कुछ समय पहले मैंने उसमें काम किया था। कपिल शर्मा ने कॉमेडी को एक नया मुकाम दिया है। शो के फ्लॉप होने की वजह कपिल शर्मा ही ज्यादा सही बता पाएंगे। लेकिन मैं चाहता हूं कि कपिल शर्मा वापसी करें।"
यह पूछे जाने पर कि क्या कॉमेडी में दोहराव ज्यादा हावी हो रहा है? पारितोष ने कहा कि दर्शक दोहराव को नकार देंगे। दर्शकों को दोहराव पसंद नहीं है। वे नया चाहते हैं और नयापन लाने के लिए कड़ी मेहनत करनी होती है।
उन्होंने कहा कि 'कॉमेडी सर्कस' में हर रोज नया किरदार देखने को मिलेगा। इसमें लोगों को नई विधाओं व पूर्वाचल की माटी के हास्य-व्यंग्य देखने को मिलेंगे। -अजय कुमार पांडेय
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